प्यार किया तो डरना क्या (1963 फ़िल्म)
प्यार किया तो डरना क्या 1963 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। बी॰ एस॰ रंगा द्वारा निर्देशित ये फिल्म ब्लैक और व्हाइट में है। इसमें शम्मी कपूर, सरोजा देवी, प्राण, ओम प्रकाश, आग़ा और पृथ्वीराज कपूर हैं। फिल्म में संगीत रवि का है।
प्यार किया तो डरना क्या | |
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प्यार किया तो डरना क्या का पोस्टर | |
निर्देशक | बी॰ एस॰ रंगा[1] |
अभिनेता |
शम्मी कपूर, सरोजा देवी, प्राण |
संगीतकार | रवि |
प्रदर्शन तिथि |
1963 |
देश | भारत |
भाषा | हिन्दी |
संक्षेप
संपादित करेंराजेश (शम्मी कपूर) अपने अमीर पिता, कुँवर साहब (पृथ्वीराज कपूर) का बेटा है। राजेश को शिक्षक रामदास (नज़ीर हुसैन) की बेटी सविता (सरोजा देवी) से प्यार हो जाता है। सविता ने राजेश को कामचोरी छोडने के लिये मनाया और उसके बजाय कॉलेज में पढ़ाई करने को कहा। वह पूरे कॉलेज में प्रथम आता है और स्वर्ण पदक जीतता है। कुँवर साहब अपने बेटे के प्रेम संबंधों से खुश नहीं होते और उनके प्यार को स्वीकार करने से इंकार कर देते हैं। लेकिन राजेश अपने पिता की अनुमति के बिना सविता के साथ शादी कर लेता है और घर आ जाता है।
राजेश के पिता कुँवर साहब उनका अभिवादन नहीं करते और न ही उन्हें स्वीकार करते हैं और वे सविता का अपमान करते हैं। इससे खुश न होकर, राजेश घर छोड़ देता है और वे जीवन (प्राण) के घर में रहने लगते हैं, जो उसका दोस्त है। जीवन ने सविता के खिलाफ राजेश के दिमाग में जहर डालना शुरू कर दिया क्योंकि कॉलेज में सविता ने उसे लुभाने की कोशिश करने पर अपमानित किया था और थप्पड़ मारा था। बड़ी गलतफहमियां उनके रिश्ते के बीच आने लगती हैं। कुछ समय के बाद दोनों गलतफहमी की वजह से अलग हो जाते हैं। थोड़ी देर बाद जीवन की दोस्त (हेलेन) उस गलतफहमी के लिये खुद को दोषी महसूस करने लगती है और सच्चाई को सामने लाती है। राजेश अपनी गलती के लिए दोषी महसूस करता है। क्या राजेश को उसकी पत्नी वापस मिलेगी? क्या उसके पिता उन्हें स्वीकार करेंगे?
मुख्य कलाकार
संपादित करें- शम्मी कपूर — राजेश
- सरोजा देवी — सविता
- प्राण — जीवन
- पृथ्वीराज कपूर — कुँवर साहब
- आग़ा —
- शुभा खोटे —
- ओम प्रकाश —
- नज़ीर हुसैन — रामदास
संगीत
संपादित करेंसभी गीत शकील बदायूँनी द्वारा लिखित; सारा संगीत रवि द्वारा रचित।
क्र॰ | शीर्षक | गायक | अवधि |
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1. | "जान-ए-बहार हुस्न तेरा बेमिसाल है" | मोहम्मद रफ़ी | 5:08 |
2. | "दिल तुमको दे दिया जान-ए-जिगर" | आशा भोंसले, मोहम्मद रफ़ी | 3:16 |
3. | "बहारों की कहानी सुनाती है जवानी" | आशा भोंसले | 5:56 |
4. | "जब तक हम हैं हम ही हम हैं" | मोहम्मद रफ़ी | 3:28 |
5. | "दुनिया में मोहब्बत वालों की" | आशा भोंसले | 3:24 |
6. | "मोहब्बत का नगमा जुबाँ पर" | मोहम्मद रफ़ी, आशा भोंसले | 4:22 |
7. | "जिंदगी क्या है गम का दरिया" | मोहम्मद रफ़ी | 6:54 |
8. | "मेरा दिल आशिकाना है" | मोहम्मद रफ़ी, आशा भोंसले | 5:45 |
9. | "आ मेरी जान मुझको लगा ले गले" | मोहम्मद रफ़ी | 3:28 |
सन्दर्भ
संपादित करें- ↑ "B.S. Ranga, veteran film director, passes away". द हिन्दु (अंग्रेज़ी में). 12 दिसम्बर 2010. मूल से 25 अक्तूबर 2018 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 26 जनवरी 2019.