प्रतिविंध्य का उल्लेख महाभारत में आता है।
”स तेन सहितोराजन स्वयसाची:, विजिग्ये शाकलं द्वीपं प्रतिविंध्यं च पार्थिवम्”[2]
- प्रतिविंध्य शाकल (स्यालकोट, पश्चिमी पाकिस्तान) के निकट कोई पहाड़ी स्थान हो सकता है।
- यह शाकल नरेश का नाम भी हो सकता है।
- ↑ ऐतिहासिक स्थानावली |लेखक: विजयेन्द्र कुमार माथुर |प्रकाशक: राजस्थान हिन्दी ग्रंथ अकादमी, जयपुर |पृष्ठ संख्या: ५८१|
- ↑ महाभारत, आदिपर्व, २६/५