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विशेष रुप से प्रदर्शित जीवनी

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आर्यभट प्राचीन भारत के एक महान ज्योतिषविद् और गणितज्ञ थे।


प्रवेशद्वार:विज्ञान/विशेष रुप से प्रदर्शित जीवनी/2 भास्कर प्रथम भारत के सातवीं शताब्दी के गणितज्ञ थे।


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सुश्रुत प्राचीन भारत के प्रसिद्ध ज्योतिषविद् और गणितज्ञ थे।


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चरक एक महर्षि एवं आयुर्वेद विशारद के रूप में विख्यात हैं। वे कुषाण राज्य के राजवैद्य थे।


प्रवेशद्वार:विज्ञान/विशेष रुप से प्रदर्शित जीवनी/5 हलायुध या भट्ठ हलायुध भारत के प्रसिद्ध ज्योतिषविद्, गणितज्ञ और वैज्ञानिक थे। उन्होने मृतसंजीवनी नामक ग्रन्थ की रचना की जो पिङ्गल के छन्दशास्त्र का भाष्य है।


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अवुल पकिर जैनुलाअबदीन अब्दुल कलाम भारत के पूर्व राष्ट्रपति, जानेमाने वैज्ञानिक और अभियंता के रूप में विख्यात हैं।


प्रवेशद्वार:विज्ञान/विशेष रुप से प्रदर्शित जीवनी/7 होमी जहांगीर भाभा भारत के एक प्रमुख वैज्ञानिक और स्वप्नदृष्टा थे जिन्होंने भारत के परमाणु उर्जा कार्यक्रम की कल्पना की थी।


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चन्द्रशेखर वेङ्कट रामन नोबेल पुरस्कार से सम्मानित भारतीय भौतिक-शास्त्री थे।


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हरगोविन्द खुराना एक नोबेल पुरस्कार से सम्मानित भारतीय वैज्ञानिक थे।


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जगदीश चन्द्र बसु भारत के प्रसिद्ध वैज्ञानिक थे जिन्हें भौतिकी, जीवविज्ञान, वनस्पतिविज्ञान तथा पुरातत्व का गहरा ज्ञान था।


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आइज़क न्यूटन, अंग्रेज़ भौतिक विज्ञानी, गणितज्ञ, खगोलज्ञ, आविष्कारक, दार्शनिक और कीमिया थे।


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मेघनाद साहा सुप्रसिद्ध भारतीय खगोलविज्ञानी थे। वे साहा समीकरण के प्रतिपादन के लिये प्रसिद्ध हैं।


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सत्येन्द्र नाथ बसु गणितज्ञ और भौतिक शास्त्री थे। भौतिक शास्त्र में दो प्रकार के अणु माने जाते हैं - बोसान और फर्मियान। इनमे से बोसान सत्येन्द्र नाथ बोस के नाम पर ही हैं।


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विक्रम साराभाई भारत के प्रमुख वैज्ञानिक थे। इन्होंने ८६ वैज्ञानिक शोध पत्र लिखा एवं ४० संस्थान खोला।


प्रवेशद्वार:विज्ञान/विशेष रुप से प्रदर्शित जीवनी/15 बौधायन भारत के प्राचीन गणितज्ञ और शुल्ब सूत्र तथा श्रौतसूत्र के रचयिता था ।


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अल्बर्ट आइंस्टीन (१४ मार्च १८७९ - १८ अप्रैल १९५५) एक विश्वप्रसिद्ध सैद्धांतिक भौतिकविद् थे जो सापेक्षता के सिद्धांत और द्रव्यमान-ऊर्जा समीकरण E = mc2 के लिए जाने जाते हैं। उन्हें सैद्धांतिक भौतिकी, खासकर प्रकाश-विद्युत ऊत्सर्जन की खोज के लिए १९२१ में नोबेल पुरस्कार प्रदान किया गया। आइंसटाइन ने विशेष सापेक्षिकता (१९०५) और सामान्य आपेक्षिकता के सिद्धांत (१९१६) सहित कई योगदान दिए। उनके अन्य योगदानों में- सापेक्ष ब्रह्मांड, केशिकीय गति, क्रांतिक उपच्छाया, सांख्यिक मैकेनिक्स की समस्याऍ, अणुओं का ब्राउनियन गति, अणुओं की उत्परिवर्त्तन संभाव्यता, एक अणु वाले गैस का क्वांटम सिद्धांत, कम विकिरण घनत्व वाले प्रकाश के ऊष्मीय गुण, विकिरण के सिद्धांत, एकीकृत क्षेत्र सिद्धांत और भौतिकी का ज्यामितीकरण शामिल है। आइंस्टीन ने पचास से अधिक शोध-पत्र और विज्ञान से अलग किताबें लिखीं। १९९९ में टाइम पत्रिका ने शताब्दी-पुरूष घोषित किया। एक सर्वेक्षण के अनुसार वे सार्वकालिक महानतम वैज्ञानिक माने गए।

आइंस्टीन ने 300 से अधिक वैज्ञानिक शोध-पत्रों का प्रकाशन किया। 5 दिसंबर 2014 को विश्वविद्यालयों और अभिलेखागारो ने आइंस्टीन के 30,000 से अधिक अद्वितीय दस्तावेज एवं पत्र की प्रदर्शन की घोषणा की हैं। आइंस्टीन के बौद्धिक उपलब्धियों और अपूर्वता ने "आइंस्टीन" शब्द को "बुद्धिमान" का पर्याय बना दिया है।


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