प्रोटिओमिक्स (Proteomics) जीव-शरीरों की कोशिकाओं में पाए जाने वाले प्रोटीनों के अध्ययन से सम्बन्धी विज्ञान है। इसमें प्रोटीनों का विभिन्न अवस्थाओं में, एक ही समय में, तथातीव्र गति से विश्लेषण किया जाता है। इससे कोशिकाओं में प्रोटीनों की अंतःस्थितियों का मानचित्र तैयार किया जा सकता है । जीव शरीर में अनेक प्रकार के प्रोटीन होते हैं। प्रोटीनों में अमीनो अम्लों की लम्बी श्रंखलाएँ होती हैं, तथा वे २० विभिन्न अमीनो अम्लों द्वारा निर्मित होतीं हैं। प्रत्येक अमीनो अम्ल के रासायनिक गुण भिन्न होते हैं, तथा उनका विभिन्न प्रोटीनों में अनुक्रम भी भिन्न भिन्न होता है। इसके कारण प्रत्येक प्रोटीन की सरंचना विशिष्ट होती है, जो उसके द्वारा किए जाने वाले कार्य के लिए हर प्रकार से उपयुक्त होती है। प्रोटीन किसी जीव की जीवन क्षमता और कोशिकीय क्रियाकलापों के लिए प्रत्यक्ष रूप से उत्तरदायी होते हैं।[1]

एम.ए.एल.डी.आई मास स्पेक्ट्रोमेट्री नमूनों की प्रतिरूप कैरियर पर रोबोटिक तैयारी

प्रोटिओमिक्स के लाभ

संपादित करें

जीव विज्ञान में जीन और जीनोम का महत्व किसी भवन की नींव की तरह होता है। अतः जीनोम परियोजना के द्वारा मिलने वाली सूचना अति महत्वपूर्ण होती है। प्रोटिओमिक्स विधि में हुई प्रगति से हमें यह जानने में सहायता मिलेगी कि किस प्रकार विभिन्न रोग उत्पन्न होते हैं तथा किस प्रकार इनके विरुद्ध कार्य करने के लिए नई औषधियों का निर्माण किया जा सकता है। इस प्रकार प्रोटिओमिक्स का उपयोग किसी रोग से संबंधित प्रोटीन की पहचान करने में किया जाता है, जिसे हम "रोग संकेतक" (disease marker, डिज़ीज़ मार्कर) कहते हैं।

कैंसर, हृदय रोग आदि रोगों को समझना, तथा किसी पोषण स्तर का अध्ययन करने के लिएभी प्रोटिओमिक्स का भारी उपयोग होता है। वनस्पति शास्त्र में प्रोटिओमिक्स विधि किसी पौधे और प्रजाति के लक्षणों का वर्णन करने, एक प्रकार के पौधे में आनुवंशिक भिन्नता का अनुमान लगाने तथा पर्यावरणीय तनाव से प्रभावित प्रोटीनों की पहचान में उपयोगी देखी गई है। अतं भविष्य में प्रोटिओमिक्स से जीव विज्ञान अनुसंधान को एक नई दिशा प्राप्त होगी और मानव रोग संबंधित अनुसंधान में उसे एक प्रभावशाली स्थान प्राप्त होगा।

इन्हें भी देखें

संपादित करें

बाहरी कड़ियाँ

संपादित करें
  1. Twyman, R. M. 2004. Principles of proteomics. BIOS Scientific Publishers, New York. ISBN 1-85996-273-4.(covers almost all branches of proteomics)

अन्य सन्दर्भ

संपादित करें

  • Belhajjame, K. et al. Proteome Data Integration: Characteristics and Challenges Archived 2006-06-28 at the वेबैक मशीन. Proceedings of the UK e-Science All Hands Meeting, ISBN 1-904425-53-4, September 2005, Nottingham, UK.
  • Westermeier, R. and T. Naven. 2002. Proteomics in practice: a laboratory manual of proteome analysis. Wiley-VCH, Weinheim. ISBN 3-527-30354-5.(focused on 2D-gels, good on detail)
  • Liebler, D. C. 2002. Introduction to proteomics: tools for the new biology. Humana Press, Totowa, NJ. ISBN 0-585-41879-9 (electronic, on Netlibrary?), ISBN 0-89603-991-9 hardback, ISBN 0-89603-992-7 paperback.
  • Wilkins MR, Williams KL, Appel RD, Hochstrasser DF. Proteome research: new frontiers in functional genomics. Berlin Heidelberg, Springer Verlag; 1997, ISBN 3-540-62753-7.
  • Arora, Pankaj S., et al. (2005). "Comparative evaluation of two two-dimensional gel electrophoresis image analysis software applications using synovial fluids from patients with joint disease". Journal of Orthopaedic Science 10 (2): 160–166. doi:10.1007/s00776-004-0878-0.
  • Rediscovering Biology Online Textbook. Unit 2 Proteins and Proteomics. 1997-2006.
  • Weaver. R.F. Molecular Biology. Third Edition. The McGraw-Hill Companies Inc. 2005. pgs 840-849.
  • Campbell and Reece. Biology. Sixth Edition. Pearson Education Inc. 2002. pg 392-393.
  • Hye A, Lynham S, Thambisetty M, et al. " Proteome-based plasma biomarkers for Alzheimer's disease." Brain 129: 3042-3050, (2006).
  • Perroud B, Lee J, Valkova N, et al. "Pathway Analysis of Kidney Cancer Using Proteomics and *Metabolic Profiling." Biomed Central: 65-82, (24 नवम्बर 2006).
  • Macaulay IC, Carr P, Gusnanto A, et al. "Platelet Genomics and Proteomics in Human Health and Disease." The Journal of Clinical Investigation 115: 3370-3377, (December 2005).
  • Rogers MA, Clarke P, Noble J, et al. "Proteomic Profiling of Urinary Proteins in Renal Cancer by Surface Enhanced Laser Desorption Ionization, and Neural-Network Analysis: Identification of Key Issues Affecting Clinical Potential Utility." Cancer Research 63: 6971-6983, (15 अक्टूबर 2003).
  • Vasan RS. “Biomarkers of cardiovascular disease: molecular basis and practical considerations” Circulation. 2006;113:2335-2362.
  • “Myocardial Infarction”. http://medlib.med.utah.edu/WebPath/TUTORIAL/MYOCARD/MYOCARD.html Archived 2006-12-06 at the वेबैक मशीन (Retrieved 29 Nov 2006)
  • World Community Grid. http://www.worldcommunitygrid.org Archived 2019-07-02 at the वेबैक मशीन (Retrieved 29 Nov 2006)
  • Introduction to Antibodies - Enzyme-Linked Immunosorbent Assay (ELISA). http://www.chemicon.com/resource/ANT101/a2C.asp Archived 2006-11-04 at the वेबैक मशीन. (Retrieved 29 Nov 2006)
  • Decramer S et al "Predicting the clinical outcome of congenital unilateral ureteropelvic junction obstruction in newborn by urinary proteome analysis" Nature Medicine 2006; 12:398-400 Article Archived 2011-09-20 at the वेबैक मशीन
  • Mayer, U. (2008) Protein Information Crawler (PIC): Extensive spidering of multiple protein information resources for large protein sets. Proteomics, 8: 42-44 PubMed Archived 2012-05-16 at the वेबैक मशीन

विकिपुस्तक में, [[b:{{{1}}}|{{{1}}}]] विषय पर पुस्तकें उपलब्ध हैं।
 
विकिवर्सिटी
विकिवर्सिटी पर, आप अधिक सीख सकते हैं, व औरों को भी प्रोटिओमिक्स के बारे में सिखा सकते हैं। यहां: