फातिमा बिनते अब्दुल्लाह
ईटली-लीबिया युद्ध में 14 वर्षीय शहीद होने वाली लड़की
फातिमा बिनते अब्दुल्लाह (जन्म:1898; उर्दू: فاطمہ بنت عبداللہ)14 वर्षीय अरब मुस्लिम लड़की थी जो 1912 में इटालियन-तुर्की युद्ध में आक्रमणकारियों को पानी पिलाते हुए शहीद हो गयी थी।
फातिमा बिनते अब्दुल्लाह | |
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जन्म |
1898 लीबिया |
मौत |
18 जून 1912 (13-14 वर्ष) |
इस वीरांगना का उल्लेख अविभाजित भारत के प्रसिद्ध कवि, नेता और दार्शनिक मुहम्मद इक़बाल ने "बांगे दरा" की कविता "फातिमा बिनते अब्दुल्लाह" में किया था।
जीवन परीचय
संपादित करेंफातिमा बिनते अब्दुल्लाह का जन्म 1898 में लीबिया के शहर त्रिपोलीतानिया में हुआ। वह अल-बरसा जनजाति सरदार शेख अब्दुल्लाह की इकलौती बेटी थीं।
1912 में इटली ने त्रिपोलीतानिया[1]पर हमला किया तब वो अपने पिता के साथ युद्ध में गईं। पियासों को पानी पिलाने की सेवा करते हुए उनकी मृत्यु हो गयी। उसी वर्ष इक़बाल ने उन के संबंध में कविता लिखी थी।[2]
उनपर बाद में भी कविताएं लिखी गयीं।[3]
बाहरी कड़ियाँ
संपादित करें- कविता "फातिमा बिनते अब्दुल्लाह" अंग्रेज़ी में Archived 2020-07-02 at the वेबैक मशीन
सन्दर्भ
संपादित करें- ↑ Italo-Turkish War - Wikipedia https://en.wikipedia.org/wiki/Italo-Turkish_War
- ↑ Akhtar, Saleem; اختر, سليم (2003). اقبال :: شخصيت، افكار و تصورات ... /ط (उर्दू में). سنگ ميل پبلى كيشنز،. पृ॰ 84. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 978-969-35-1415-5.
- ↑ Fatima Binte Abdullah - a poem by M. Farhan Ahmed - All Poetry https://allpoetry.com/poem/12333130-Fatima-Binte-Abdullah-by-M.-Farhan-Ahmed