फिंगेश्वर
फिगेश्वर छत्तीसगढ़ की पुरातात्विक महत्व की एक नगरी है। यह छत्तीसगढ़ के छत्तीस गढों में से एक स्वतंत्र गढ रहा है। यह नगर अभी छ्त्तीसगढ के नवीन जिला गरियाबन्द के 5 विकासखण्डो में से एक है। यहाँ फणिकेश्वरनाथ महादेव का प्राचीन मन्दिर है। मन्दिर में प्राचीन शैल प्रतिमायें विद्मान हैं।
फिंगेश्वर | |
— नगर — | |
निर्देशांक: (निर्देशांक ढूँढें) | |
समय मंडल: आईएसटी (यूटीसी+५:३०) | |
देश | भारत |
राज्य | छत्तीसगढ़ |
ज़िला | गरियाबंद |
इतिहास
संपादित करेंयहाँ पहले गोंड वंश के राजाओं का राज था।
भौगोलिक स्थिति
संपादित करेंआवागमन
संपादित करेंसड़क मार्ग
संपादित करेंयह नगर राजिम - महासमुन्द सडक मार्ग पर स्थित है।
रेल मार्ग
संपादित करेंनिकटतम रेलवे स्टेशन - रेल मार्ग-महासमुन्द 20
वााय
संपादित करेंनिकटतम हवाई अड्डा -रायपुर
शिक्षण संस्थान
संपादित करेंयहाँ के दिवंगत राजा ठाकुर दलगंजन सिंह के द्वारा उच्चत्तर माध्यमिक विद्यालय स्थापित किया गया था। यह विद्यालय उस समय का है जब शिक्षा केवल सभ्रांत परिवारों के बच्चों को ही उप्लब्ध हुआ करती थी। ऐसे समय मे शिक्षा को सर्व सुलभ करने के उद्देश्य से यह शाला ठाकुर दलगंजन सिंह ने स्थापित करवाई थी। यहां स्नातक स्तर की शिक्षा हेतु फणिकेशवर नाथ महाविद्यालय स्थित है।
दर्शनीय स्थल
संपादित करेंयहाँ फणिकेश्वरनाथ महादेव का प्राचीन मन्दिर है। मन्दिर में प्राचीन शैल प्रतिमायें विद्यमान हैं। यह छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा संरक्षित स्मारक है।
यहाँ का दशहरा भी बस्तर के दशहरे जैसा प्रसिद्ध है। दशहरे के दिन ही राजा दलगंजन सिंह की अकाल मृत्यु हो जाने के कारण यहाँ दशमी तिथि को दशहरा नहीं मनाया जाता है, यहाँ तेरस तिथि को राजा दश्हरा मनाया जाता है। दशहरे में यहाँ रावण वध नहीं होता बल्कि कुलदेवी मावलीमाता की एवं अन्य रजवाडा देवी-देवताओं की शोभा यात्रा निकाली जाती है। प्रसिद्ध मावली माता मन्दिर मे पहले नर बलि की प्रथा प्रचलित थी। ऐसा नगर के बुजुर्गों का कहना है।
इस क्षेत्र के कुछ प्रसिद्ध व्यक्ति
संपादित करें- उर्मिला सिंह -- हिमाचल प्रदेश की वर्तमान राज्यपाल
- मावली प्रसाद श्रीवास्तव -- प्रसिद्ध हिन्दी/छत्तीसगढ़ी साहित्यकार