यह पश्चिम अफ्रीका में उगाया जाने वाला अन्न है, इसकी एक नस्ल भारत में भी खासी पहाडियों में उगाई जाती है, यह बहुत महीन दाने वाली फसल है | यह दीजित्रा कुल का पादप है

सफ़ेद फोनियो

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इसका उत्पादन अधिक होता है, सभी मोटे अन्न (वास्तव में उनके दाने महीन होते है, यह सिर्फ़ नाम की सुविधा है) में इसके दाने सबसे सूक्ष्म होते है, दक्षिण सूडान तथा इथोपिया का यह प्रमुख अन्न है |इसमे कई गुण है यह कुपोषण से लड़ने, बंजर भूमि का प्रयोग करने हेतु बहुत उत्तम है पोषक होने के साथ ही यह मात्र ६-८ हफ्ते में पक कर तैयार होने वाली फसल है, सूखे इलाको हेतु जहां वर्षा कम तथा अनियमित होती है यह एक वरदान है | इस से दलिया, ब्रेड तथा बीयर बनते है। गिनी तथा टोगो में इसे बड़े पैमाने पे उगाते है |

दाना महीन होने के चलते इस से छिलका अलग करना बहुत कठिन होता है, लेकिन हाल ही में इस हेतु एक सरल मशीन का आविष्कार हो गया है, 

काला फोनियो संपादित करें

 दूसरी नसल नाइजीरिया,बेनिन, टोगो में उगाते है  

रैशन संपादित करें

भारत में खासी पहडिया मेघालय में उगाते है 

बाहरी कडिया संपादित करें

1. https://web.archive.org/web/20090216130615/http://books.nap.edu/openbook.php?record_id=2305&page=59

2 https://web.archive.org/web/20090208202315/http://fonio.cirad.fr/en/index.html 3. https://web.archive.org/web/20090214042047/http://www.bioline.org.br/request?jb03109