बछराँव
- उत्तर प्रदेश के रायबरेली ज़िले में इस से मिलते-जुलते नाम वाले स्थान के लिए बछरावाँ का लेख देखें
बछरायूँ (Bachhraon) भारत के उत्तर प्रदेश राज्य के अमरोहा ज़िले में स्थित एक नगर और नगरपालिका परिषद है।[1][2]
बछराऊँ Bachhraon | |
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बछरायूँ | |
निर्देशांक: 28°39′36″N 78°21′25″E / 28.660°N 78.357°Eनिर्देशांक: 28°39′36″N 78°21′25″E / 28.660°N 78.357°E | |
देश | भारत |
राज्य | उत्तर प्रदेश |
ज़िला | अमरोहा ज़िला |
संस्थापक | राजा बच्छराज त्यागी |
ऊँचाई | 209 मी (686 फीट) |
जनसंख्या (2011) | |
• कुल | 31,101 |
भाषाएँ | |
• प्रचलित | हिन्दी, खड़ीबोली उर्दू |
समय मण्डल | भामस (यूटीसी+5:30) |
पिनकोड | 244225 |
दूरभाष कोड | 05924 |
इतिहास
संपादित करेंबछराँव एक पुराना और ऐतिहासिक स्थान है। इसके नाम की उत्पत्ति के स्थानीय सिद्धांत भिन्न हैं, एक सिद्धांत के अनुसार स्थानीय शासक "राजा बच्छराज" के नाम से बछराँव का नाम आया है जो मोहम्मद गौरी और पृथ्वीराज चौहान के समकालीन था। चमन कोठी दिल्ली लाल किला तथा जामा मस्जिद का छोटा रूप है मोलवी अब्दुल हफ़ीज़ साहब की कोठी नौबहार और पीली कोठी जेलर साहब वाली यहां की प्रसिद्ध इमारतें हैं। एक ऐतिहासिक "शेरपुर" रेलवे स्टेशन है, जिसका उपयोग औपनिवेशिक शासन के समय अंग्रेजों द्वारा पास के जंगल में शिकार के लिए किया जाता था।
भूगोल
संपादित करेंबछराँव गंगा नदी के पूर्वी तट के पास 28.93°उ 78.22°पू पर स्थित है। इसकी औसत ऊंचाई 209 मीटर (685 फीट) है।
जनसांख्यिकी
संपादित करें2011 की भारत की जनगणना के अनुसार, बछरायूँ की आबादी 31,101 थी। पुरुषों की आबादी 53% और महिलाओं की 47% है। बछरायूँ की औसत साक्षरता दर 46% है, जो राष्ट्रीय औसत 59.5% से कम है; पुरुषों में 61% और महिलाओं में 31% साक्षर हैं। 19% जनसंख्या 6 वर्ष से कम आयु की है। इस शहर में कई जातीय समूहों और संस्कृतियों का प्रतिनिधित्व किया जाता है। मुसलमानों की आबादी 75% से अधिक है।
हिंदुस्तानी भाषा (हिंदी की स्थानीय बोली में उर्दू शामिल है) प्रमुख बोली जाने वाली भाषा है, जबकि हिंदी, अंग्रेजी और उर्दू प्रमुख लिखित भाषाएं हैं।
बछरायूँ की भूमि कई मुस्लिम संतों (वालिस) और सूफी मंदिरों के लिए प्रसिद्ध है। कुछ प्रसिद्ध संत हाजी साहब पीर, औघट शाह वारसी, फैज अली शाह, सूफी सलमान शाह, शाह आजम, मौलवी सुल्तान हसन, और कई अन्य हैं। इस शहर में कई पुरानी मस्जिदें हैं जैसे जामा मस्जिद, पत्थर वाली मस्जिद (पत्थर मस्जिद), कोठी वाली मस्जिद लाल मस्जिद और बहुत सारे मंदिर भी जैसे महादेव मंदिर, सोतीवाला मंदिर और शिव मंदिर आदि है, महादेव मंदिर यहां का सबसे बड़ा और सबसे पुराना मंदिर है। यहां के शिवलिंग को शहर के लोग प्राकृतिक मानते हैं। औघट शाह वारसी और हाजी पीर साहब के उर्स (पुण्यतिथि) के साथ-साथ वार्षिक रामलीला व्यापक रूप से प्रसिद्ध है।
अर्थव्यवस्था
संपादित करेंयह शहर 100 से अधिक किस्मों के आम की खेती के लिए प्रसिद्ध है और यह उत्तरी भारत में सबसे बड़े आम उत्पादकों में से एक है। बछरायूँ कृषि उत्पादों का एक बाज़ार है। मोलवी सुल्तान हसन का बाग आम की किस्मों लंगड़ा और बंबई के लिए प्रसिद्ध है। मुख्य उद्योग कृषि आधारित, हाथ-करघा बुनाई और छोटे-चीनी कारखाने हैं।
इन्हें भी देखें
संपादित करेंसन्दर्भ
संपादित करें- ↑ "Uttar Pradesh in Statistics," Kripa Shankar, APH Publishing, 1987, ISBN 9788170240716
- ↑ "Political Process in Uttar Pradesh: Identity, Economic Reforms, and Governance Archived 2017-04-23 at the वेबैक मशीन," Sudha Pai (editor), Centre for Political Studies, Jawaharlal Nehru University, Pearson Education India, 2007, ISBN 9788131707975