बटेश्वर, आगरा
बटेश्वर (Bateshwar) भारत के उत्तर प्रदेश राज्य के आगरा ज़िले की बाह (इटावा के नज़दीक)तहसील में स्थित एक गाँव है। यह यमुना नदी के किनारे बसा हुआ एक प्रसिद्ध हिन्दू तीर्थस्थल भी है।[1][2]
बटेश्वर Bateshwar बाह बटेश्वर | |
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बटेश्वर के मन्दिर | |
निर्देशांक: 26°56′10″N 78°32′31″E / 26.936°N 78.542°Eनिर्देशांक: 26°56′10″N 78°32′31″E / 26.936°N 78.542°E | |
देश | भारत |
राज्य | उत्तर प्रदेश |
ज़िला | आगरा ज़िला |
तहसील | बाह |
ऊँचाई | 160 मी (520 फीट) |
जनसंख्या (2011) | |
• कुल | 4,213 |
भाषाएँ | |
• प्रचलित | हिन्दी, अवधी, बुंदेली, ब्रजभाषा |
समय मण्डल | भारतीय मानक समय (यूटीसी+5:30) |
पिनकोड | 283104 |
वाहन पंजीकरण | UP-80 |
तीर्थ
संपादित करेंबटेश्वर को 'भदावर के काशी' के नाम से जाना जाता है। त्रेता युग में यह 'शूर सैनपुर' के नाम से जाना जाता था। बटेश्वर के घाट में प्रसिद्ध घाट आज भी 'कंश कगार' के नाम से जाना जाता है। भदावर के भदौरिया महाराजाओं ने यहाँ १०८ मंदिरों का निर्माण कर इस पवित्र स्थान को तीर्थ में बदल दिया। अठारहवीं सदी में औरंगजेब की मंदिरों को ध्वंश कर के इस्लामी राज्य स्थापित करने के प्रयास का दीर्घकालिक प्रभाव हिन्दू पहचान की भावना बढाता जा रहा था। बटेश्वर शहर के निर्माण में हिंदू भक्ति के महत्व का एक शानदार उदाहरण है। भदावर के राजा द्वारा १७२० और १७४० के बीच का १०८ मंदिरों का निर्माण कराया गया था I
प्रसिद्ध व्यक्ति
संपादित करेंयह भारत के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का पैतृक गाँव है। अगस्त १९४२ में भारत छोड़ो आन्दोलन के समय अटल बिहारी वाजपेयी जी और उनके बड़े भाई प्रेम जी इसी गाँव में गिरफ्तार किये गये थे। इसी घटना से उनके राजनीतिक जीवन आ आरम्भ भी हुआ था।
बटेश्वर धाम से जुड़ी कथा
संपादित करेंइतिहासकारों के अनुसार के अनुसार, भदावर और मैनपुरी के महाराजा में हमेशा युद्ध होता रहता था। एक सुलह लाने के लिए यह निर्णय लिया गया कि वे अपने बच्चों के साथ विवाह करके अपने मतभेदों को हल करेंगे। हालाँकि दोनों की यहां लड़कियों का जन्म हुआ था, लेकिन भदावर ने घोषणा की कि उनके यहां एक बेटा पैदा हुआ है और सहमति के अनुसार, मैनपुरी के राजा की बेटी के साथ शादी की व्यवस्था की गई थी। भदावर ने अपनी बेटी को एक जवान आदमी के रूप में तैयार किया। लड़की बहुत शर्मिंदा हुई और जब बारात नदी पर पहुंची तो उसमें कूद गई, और भगवान शिव प्रकट हुए। भगवान शिव ने लड़की को उठा लिया और उसे एक लड़के में बदल दिया। उसके बाद, भदावर ने कृतज्ञता से मंदिर का निर्माण किया और यह सुनिश्चित करने के लिए कि यमुना हमेशा इसके द्वारा बहती रहे, दो मील का एक बांध बनाया, जिससे उसका मार्ग बदल गया।
इन्हें भी देखें
संपादित करेंबाहरी कड़ियाँ
संपादित करें- बटेश्वर धाम से जुड़े तथ्य Archived 2021-06-24 at the वेबैक मशीन
- बटेश्वर से आज चलेगी सपनों की रेल
- Happy birthday Vajpayee: Train to former PM’s village flagged off (हिन्दुस्तान टाइम्स)
सन्दर्भ
संपादित करें- ↑ "Uttar Pradesh in Statistics," Kripa Shankar, APH Publishing, 1987, ISBN 9788170240716
- ↑ "Political Process in Uttar Pradesh: Identity, Economic Reforms, and Governance Archived 2017-04-23 at the वेबैक मशीन," Sudha Pai (editor), Centre for Political Studies, Jawaharlal Nehru University, Pearson Education India, 2007, ISBN 9788131707975