बड़गाम की लड़ाई
बड़गाम की लड़ाई एक छोटे स्तर की बचाव मुठभेड़ थी जो कि कश्मीर घाटी के बड़ग़ाम में ३ नवम्बर १९४७ को १९४७ के भारत-पाक युद्ध के दौरान हुई थी। यह मुठभेड़ भारतीय सेना तथा पाकिस्तानी कबायलियों के मध्य हुई थी जिनमे भारतीय सेना के लगभग ५० जवान व पाकिस्तानी कबायलियों के लगभग ५०० आक्रमणकारी थे। यह छोटी मुठभेड़ निर्णायक थी जो कि कुमाऊं रेजिमेंट की चौथी बटालियन की एक कम्पनी, जिसका नेतृत्व मरणोपरान्त परम वीर चक्र विजेता मेजर सोमनाथ शर्मा कर रह रहे थे। इस लड़ाई में पहाड़ी पर डेरा जमाये कबायली लश्करों पर भारतीय सेना ने निर्णायक बढ़त बना ली।[1] इस युद्ध में मेजर सोमनाथ शर्मा वीरगति को प्राप्त हो गये।
सन्दर्भ
संपादित करें- ↑ यहाँ लश्कर शब्द उत्तर पश्चिम सीमान्त प्रान्त के हजारों कबायलियों के समूह के सन्दर्भ में उपयोग हुआ है।