बलदेव राज चोपड़ा
भारतीय फिल्म निर्देशक
बलदेव राज चोपड़ा (22 अप्रैल 1914 – 5 नवम्बर 2008) हिन्दी फ़िल्मों के एक निर्देशक और निर्माता थे। उन्हें नया दौर (1957), कानून (1960), वक्त (1965), हमराज़ (1967) और 1980 दशक के आखिरी वर्षों में टेलिविजन धारावाहिक महाभारत का निर्माण करने के लिये विशेषकर जाना जाता है। 1998 को उन्हें भारतीय सिनेमा का उच्चतम पुरस्कार दादासाहेब फाल्के पुरस्कार प्रदान किया गया था।[1]
बलदेव राज चोपड़ा | |
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जन्म |
22 अप्रैल 1914 लुधियाना, पंजाब प्रांत, ब्रितानी भारत (वर्तमान में पंजाब, भारत में) |
मौत |
5 नवम्बर 2008 मुम्बई, महाराष्ट्र, भारत | (उम्र 94 वर्ष)
राष्ट्रीयता | भारतीय |
पेशा | निर्माता, निर्देशक |
कार्यकाल | 1944 - 2006 |
व्यक्तिगत जीवन
संपादित करेंबलदेव के छोटे भाई यश चोपड़ा, बेटे रवि चोपड़ा और भतीजे आदित्य चोपड़ा भी फिल्मी उद्योग में कार्य करते हैं। 1944 में अपने कैरियर की शुरुआत इन्होने लाहौर में छपने वाली फिल्म पत्रिका 'सीने हेराल्ड' के पत्रकार के रूप में की ।
प्रमुख फिल्में
संपादित करेंबतौर निर्माता
संपादित करेंवर्ष | फ़िल्म | टिप्पणी |
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2006 | बाबुल | |
2003 | बाग़बान | |
1992 | कल की आवाज़ | |
1991 | प्रतिज्ञाबद्ध | |
1987 | आवाम | |
1985 | तवायफ़ | |
1982 | निकाह | |
1978 | पति पत्नी और वो | |
1977 | कर्म | |
1973 | धुंध | |
1972 | दास्तान | |
1967 | हमराज़ | |
1963 | गुमराह | |
1960 | कानून | |
1958 | साधना | |
1957 | नया दौर | |
1956 | एक ही रास्ता | |
1953 | शोले | |
1951 | अफ़साना |
नामांकन और पुरस्कार
संपादित करेंबलदेव राज चोपड़ा को सन २००१ में भारत सरकार ने कला क्षेत्र में पद्म भूषण से सम्मानित किया था। ये महाराष्ट्र से हैं।
सन्दर्भ
संपादित करें- ↑ "बी आर चोपड़ा: 'नया दौर' के 'वक्त' को 'हमराज़' बनाने से लेकर 'महाभारत' को छोटे पर्दे तक लाने वाला फिल्मकार". नवजीवन. 22 अप्रैल 2018. मूल से 13 जुलाई 2018 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 13 जुलाई 2018.