बेसिक (BASIC) चार विकासशील देशों (ब्राजील, दक्षिण अफ्रीका, भारत और चीन) का पर्यावरण संबंधित मुद्दों पर एक वार्ता मंच है।[1] इस मंच के तहत जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए २00९ से धारणीय उपायों पर प्रमुखता से चर्चा की जाती है।[2] बेसिक देशों के बीच क्योटो प्रोटोकॉल को लेकर आम सहमति है तथा इसने कनाडा के क्योटो प्रोटोकाल की बाध्यता से पीछे हटने की तीखी आलोचना की है।[3] जलवायु परिवर्तन के परिप्रेक्ष्य में चल रहे अंतर्राष्ट्रीय घटनाक्रम पर चर्चा के लिए प्रत्येक ६ महीने में एक बार बेसिक राष्ट्रों का एक मंत्री स्तरीय सम्मेलन आयोजित किया जाता है। इसमें तकनीकी, आर्थिक तथा रणनीतिक सहयोग संबंधित संयु्क्त सहयोग की प्रतिबद्धता दर्शायी जाती है।[4] हाल ही में भारत का समर्थन करते हुए बेसिक द्वारा यूरोपीय संघ द्वारा बाहरी विमानों पर लगाए जा रहे कार्बन कर का भी कड़ा विरोध दर्ज़ कराया गया है। बेसिक का मानना है कि यूरोपीय संघ को यह कर तत्काल निरस्त कर देने चाहिए, क्योंकि यह कर संयुक्त राष्ट्र के बहु-पक्षवाद (Multi-lateralism) की भावना के विरुद्ध है।[5]

सन्दर्भ संपादित करें

  1. "countries reach Kyoto consensus". मूल से 6 जनवरी 2012 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 2 जुलाई 2012.
  2. "AloneBASIC countries and the climate change conundrum". मूल से 18 अप्रैल 2012 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 2 जुलाई 2012.
  3. BASIC countries slam Canada's withdrawal from Kyoto Protocol[मृत कड़ियाँ]
  4. "countries show united front ahead of Durban meet". मूल से 25 अप्रैल 2015 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 2 जुलाई 2012.
  5. "gets support of Basic countries against EU's carbon tax". मूल से 15 फ़रवरी 2012 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 2 जुलाई 2012.

बाहरी कड़ियाँ संपादित करें

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