ब्रोकली एक प्रकार की हरी सब्ज़ी है जो फूल गोभी और पत्ता गोभी परिवार के अंदर आती है। इसका फूल, तना एवं सम्बंधित पत्तियां सब्ज़ी के रूप में खाई जाती हैं। इसे कच्चा और पका, दोनों तरह से खाया जा सकता है। इसका उपयोग सलाद, सूप एवं चीनी खाने में मुख्य तौर पर होता है।[1]

ब्रोकली
जाति Brassica oleracea
कृषिजोपजाति समूह इटैलिका
उत्पत्ति इटली

ब्रोकली का फूल गहरा हरे रंग का होता है जो हल्के हरे रंग के तने से निकलता है। यह इसलिए काफी कुछ फूल गोभी जैसी दिखती है। इसमें विटामिन सी एवं विटामिन के प्रचुर मात्रा में मिलता है। भारत में इसे सब्जी बना के खाया जाता है। साथ ही इसे उबाल के भी खाया जाता है और इसका जूस बना के भी पिया जाता है।

ब्रोकली की खेती में 65 से 80 दिनों का समय लगता है।[2] इसका मूल निवास इटली एवं इसके आसपास के क्षेत्र हैं। 2019 तक आये आकड़ो के हिसाब से, ब्रोकली सबसे ज्यादा चीन और भारत में उगाई जाती है। इन्हीं दोनों देश में विश्व के कुल उत्पादन का 73% पैदा होता है। अन्य बड़े उत्पादक देश, संयुक्त राज्य अमेरिका, स्पेन और मैक्सिको है। अमेरिका में यह कैलिफोर्निया में सबसे ज्यादा उगाई जाती है। ब्रोकली को बढ़ने के लिए 16 डिग्री का तापमान चाहिये होता है। तापमान 22 डिग्री सेल्सियस से ऊपर जाने पर इसका ऊपरी भाग ख़राब होने लगता है।[3]

सन्दर्भ संपादित करें

  1. "ब्रोकली जूस पिएंगे तो होंगे 5 जबरदस्त फायदे, शरीर को बनाए लोहे सा फौलादी, कमजोरी को भी दूर भगाए". न्यूज़ 18. 16 अप्रैल 2023. अभिगमन तिथि 22 जून 2023.
  2. "नए तरीके से करें ब्रोकली की खेती, बंपर उत्पादन से होगी धुंआधार कमाई". ज़ी बिज़नेस. अभिगमन तिथि 22 जून 2023.
  3. "जलवायु संकट: बढ़ते तापमान ने ब्रोकली को भी बनाया फूलगोभी जैसा, गुणवत्ता पर भी पड़ा असर". www.downtoearth.org.in. अभिगमन तिथि 22 जून 2023.