भारतीय जीवन बीमा निगम
भारतीय जीवन बीमा निगम या एलआईसी, भारत की सबसे बड़ी सरकारी जीवन बीमा कंपनी है और देश की सबसे बड़ी निवेशक कंपनी भी है। यह पूरी तरह से भारत सरकार के स्वामित्व में है। इसकी स्थापना सन् १९५६ में हुई।8509171564
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उद्योग | वित्तीय सेवाएं |
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स्थापित | 1 सितंबर 1956 |
मुख्यालय | मुंबई, भारत |
प्रमुख लोग | सिद्धार्थ मोहंती (अध्यक्ष) |
उत्पाद | |
आय | US$ 88.400 बिलियन (2015) |
शुद्ध आय | US$ 9.257 बिलियन (2015) |
कुल संपत्ति | ₹31,11,847 करोड़ (US$454.33 अरब) (2019) |
मालिक | भारत सरकार |
कर्मचारियों की संख्या | 111979 (मार्च 2019) [1] |
सहायक | आईडीबीआई बैंक, एलआईसी हाउसिंग फाइनेंस, एलआईसी पेंशन फंड लिमिटेड, एलआईसी इंटरनेशनल, एलआईसी कार्ड सेवा और एलआईसी म्यूचुअल फंड |
वेबसाइट | www |
इसका मुख्यालय भारत की वित्तीय राजधानी मुंबई में है। भारतीय जीवन बीमा निगम के ८ आंचलिक कार्यालय और १०१ संभागीय कार्यालय भारत के विभिन्न भागों में स्थित हैं। इसके लगभग २०४८ कार्यालय देश के कई शहरों में स्थित हैं और इसके १० लाख से ज्यादा एजेंट भारत भर में फैले हैं।
भारतीय जीवन बीमा निगम, भारत की सबसे बड़ी सरकारी बीमा कंपनी है और देश की सबसे बड़ी निवेशक कंपनी भी है। यह पूरी तरह से भारत सरकार के स्वामित्व में है। इसकी स्थापना सन् १९५६ में हुई।
इसका मुख्यालय भारत की वित्तीय राजधानी मुंबई में है। भारतीय जीवन बीमा निगम के ८ आंचलिक कार्यालय और १०१ संभागीय कार्यालय भारत के विभिन्न भागों में स्थित हैं। इसके लगभग २०४८ कार्यालय देश के कई शहरों में स्थित हैं और इसके १० लाख से हुई, देश की पहली बीमा प्रदाता इकाई थी। अन्य बीमा कंपनियां जो स्वतंत्रता के पहले गठित हुईं -
- भारत बीमा कंपनी - १८९६
- यूनाइटेड कंपनी - १९०६
- नेशनल इंडियन - १९०६
- नेशनल इंश्योरेंस - १९०६
- कोऑपरेटिव अस्युरंस - १९०६
- हिंदुस्तान कोऑपरेटिव - १९०७
- इंडियन मर्केंटाइल
- जनरल अस्युरंस
- स्वदेशी लाइफ
राष्ट्रीयकरण
संपादित करेंभारतीय संसद ने १९ जून १९५६ को भारतीय जीवन बीमा विधेयक पारित किया। जिसके तहत ०१ सितम्बर १९५६ को भारतीय जीवन बीमा निगम अस्तित्व में आया। भारतीय जीवन बीमा व्यापार का राष्ट्रीयकरण औद्योगिक नीति संकल्प १९५६ का परिणाम है।