भारतीय परिधान का इतिहास

भारत में वस्त्र का प्रचलन अति प्राचीन काल से है। सिन्धु घाटी की सभ्यता की खुदाई में प्राप्त मूर्तियाँ अलंकृत वस्त्रों से सज्जित हैं। भारतीय लोग मुख्यतः कपास से बने वस्त्र पहनते थे जो स्थानीय कपास से बनाए जाते थे। भारत उन गिनी-चुनी संस्कृतियों में से है जहाँ २५०० ईसापूर्व और शायद उससे पहले भी कपास की खेती की जाती थी।

मोहनजोदरो से प्राप्त "पुजारी राजा" की मूर्ति जो अलंकृत वस्त्र धारत किए हुए है।

प्राचीन भारतीय परिधान के अवशेष सिन्धु घाटी की सभ्यता के स्थानों से प्राप्त हुए हैं, शिलाओं पर काटकर बनाई गयी मूर्तियों पर हैं, गुफाओं में बने चित्रों में हैं, तथा मन्दिरों उर अन्य स्मारकों में निर्मित मानव चित्रकलाओं में भी हैं। इनमें ऐसे वस्त्र देखने को मिलते हैं जिन्हें शरीर पर लपेटा जा सकता है। साड़ी, धोती, पगड़ी आदि का उदाहरण लिया जाय तो लगता है कि पारम्परिक भारतीय परिधान अधिकांशतः शरीर पर लपेटे या बांधे जाते थे।

इन्हें भी देखेंbhartiy paridhan ka sanchhip parichay

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