भीमसेन थापा
नेपाल के मुख्तियार (प्रधानमंत्री) तथा वास्तविक शासक (१८०६-१८३७)
भीमसेन थापा नेपालके सर्वाधिक लम्बे समय तकके मुख्तियार (प्रधानमन्त्री) हैं। भण्डरखाल पर्वके बादमें उन्होंने सारे उच्च अधिकारियोंकी हत्या करते हुए थापा वंशकी उदय कराया। [2]
श्री मुख्तियार जर्नेल
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भीमसेन थापा, नेपाल के मुख्तियार (प्रधानमन्त्री) १८०६ से १८३७ तक | |
कार्यकाल १८०६ – १८३७ | |
शासक | गीर्वाणयुद्ध विक्रम शाह राजेन्द्र विक्रम शाह |
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पूर्व अधिकारी | रणबहादुर शाह मुख्तियारको रूपमा |
उत्तराधिकारी | रणजंग पाण्डे |
जन्म | अगस्त 1775 बोर्लाङ के पीपल थोक गाउँ, गोरखा जिल्ला, नेपाल |
मृत्यु | 5 अगस्त 1839 भीम मुक्तेश्वर, काठमाडौं, नेपाल | (उम्र 64 वर्ष)
राष्ट्रीयता | नेपाली |
संबंधी | भतिजी महारानी ललित त्रिपुरा सुन्दरी, भतिजा प्र.म. माथवरसिंह थापा, नाति जंगबहादुर राणा |
संतान | ललिता देवी पाण्डे, जनक कुमारी पाण्डे, र दीर्घ कुमारी पाण्डे[1] |
Military service | |
निष्ठा | नेपाल |
शाखा/सेवा | नेपाली सेना |
पद | नेपाल के प्रधान सेनापति |
कमाण्ड | नेपालका सेनापति |
युद्ध | नेपाल अंग्रेज युद्ध |
पारितोषिक | राष्ट्रिय विभूति |
बचपना
संपादित करेंअधिक जानकारी के लिए देखें: थापा वंश
भीमसेन थापाका जन्म वि.सं. 1832 सालमे गोरखाका बोर्लाङको पीपल थोक गावमे बगाले थापा[3] क्षेत्री परिवारमे हुवा था। अमरसिंह थापा (सानुकाजी) और सत्यरूपा मायाका जेष्ठ बेटा थे।
परिवार
संपादित करेंपिता सरदार अमरसिंह और माता सत्यरूपा के ज्येष्ठ पुत्र के रूपमें उनका जन्म विक्रम सम्वत १८३२ में हुआ। [4]
वंश वृक्ष
संपादित करेंवीरभद्र थापा
सत्यरुपा माया
अमरसिंह थापा
?
भीमसेन थापा
? (छोरा)
ललिता देवी पाण्डे
जनक कुमारी पाण्डे
दीर्घ कुमारी पाण्डे
सन्दर्भ
संपादित करें- ↑ Paudel, Punya Prasad (2006). Aatreya dekhi Paudel samma. Paudel Society for Cultural Promotion. पृ॰ 101.
- ↑ Pradhan 2012, पृ॰ 12.
- ↑ Pradhan 2012, पृ॰ 23.
- ↑ Pradhan 2012, पृ॰ 14.
ग्रन्थ
संपादित करें- प्रधान, कुमार लाल (2012), Thapa Politics in Nepal: With Special Reference to Bhim Sen Thapa, 1806–1839, New Delhi: Concept Publishing Company, आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 9788180698132