भूरिश्रेवास सोमदत्त का पुत्र था और कौरवों तथा पाण्डवों का चाचा था। उसका जन्म सत्यकि को परास्त करने के लिए हुआ था। अपने भाई शल के साथ उसने कई योद्धाओं से युद्ध किया। भूरिश्रेवास ने सत्यकि के १० पुत्रों का वध किया और फिर सत्यकि को भी परास्त किया।

भूरिश्र्वा

शल का वध सहदेव के पुत्र श्रुतकर्मण ने किया। १४ वें दिन के युद्ध में भूरिश्रेवास के बाजू उसके भतीजे अर्जुन द्वारा काट दिए गए और फिर सत्यकि ने उसका वध किया।

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