मरी, तुर्कमेनिस्तान
मरी (तुर्कमेनी: Mary, Мары; अंग्रेज़ी: Mary; फ़ारसी: مرو, मर्व) तुर्कमेनिस्तान के मरी प्रांत की राजधानी है। इसके पुराने नाम 'मर्व' (مرو, Merv), 'मेरु' और 'मारजियाना' (Margiana) हुआ करते थे। यह काराकुम रेगिस्तान में मुरग़ाब नदी के किनारे बसा हुआ एक नख़लिस्तान (ओएसिस) है। सन् २००९ में इसकी आबादी १,२३,००० थी जो १९८९ में ९२,००० से बढ़ी हुई थी।
इतिहास
संपादित करेंमर्व का प्राचीन शहर रेशम मार्ग पर एक नख़लिस्तान पर बसा हुआ था। सन् १८८४ में इसपर रूसी साम्राज्य का क़ब्ज़ा हो गया, जिस से अफ़्ग़ानिस्तान और रूस के दरमियान झड़प हुई जिसमें रूस की विजय हुई। इसके बाद यहाँ एक रूसी फौजी और प्रशासनिक केंद्र बनाया गया। अगस्त १९१८ में प्रथम विश्वयुद्ध के दौरान क्राइमिया के युद्ध के बाद भारत में ब्रिटिश राज ने यहाँ एक ५० पंजाबी फ़ौजियों और एक अँगरेज़ अफ़सर का दस्ता भेजा जिसने रूस में उस समय सत्ता पर क़ब्ज़ा कर रही बोलशेविक पार्टी के सिपाहियों का सामना किया। युद्ध के बाद पूरे तुर्कमेनिस्तान के साथ यह क्षेत्र सोवियत संघ में आ गया। सोवियत ज़माने में यहाँ से आमू दरिया का पानी लाने वाली काराकुम नहर निकाली गई जिस के दम पर यहाँ कपास पैदा होनी शुरू हो गई। १९६८ में यहाँ ज़मीन के नीचे प्राकृतिक गैस का अम्बार मिला।[1]
इन्हें भी देखें
संपादित करेंसन्दर्भ
संपादित करें- ↑ Historical dictionary of Turkmenistan, Rafis Abazov, Scarecrow Press, 2005, ISBN 978-0-8108-5362-1, ... The city is located several kilometers from ancient Merv, probably one of the oldest cities in the territory of contemporary Turkmenistan. Present-day Mary was established as a trading post in the 19th century ...