महाभारत (राजगोपालाचारी)
महाभारत चक्रवर्ती राजगोपालाचारी द्वारा रचित पौराणिक कथा पुस्तक है। इसका प्रथम प्रकाशन १९५८ में भारतीय विद्या भवन में हुआ।[1] यह पुस्तक वेदव्यास द्वारा रचित महाभारत का संक्षिप्त अंग्रेजी पुनर्लेखन है।[2] राज जी ने उनकी रामायण और इस पुस्तक को देशसेवा के रूप में बड़े कार्य के रूप में देखा।[3]
लेखक | चक्रवर्ती राजगोपालाचारी |
---|---|
भाषा | अंग्रेज़ी |
शैली | पौराणिक कथा |
प्रकाशक | भारतीय विद्या भवन |
प्रकाशन तिथि | १९५८ |
प्रकाशन स्थान | भारत |
मीडिया प्रकार | मुद्रित |
आई.एस.बी.एन | 978-81-7276-368-8 |
ओ.सी.एल.सी | 48972632 |
पुस्तक की लेखन शैली प्रवाह युक्त है एवं शब्द वजनदार हैं।
२००१ के अनुसार पुस्तक की १० लाख प्रतियाँ विक्रय की जा चुकी हैं।[4]
सन्दर्भ
संपादित करें- ↑ Ramayana and Mahabharata: catalogue of books in the Sahitya Akademi Library [रामायण और महाभारत: साहित्य अकादमी पुस्तकालय में पुस्तकों की तालिका] (in अंग्रेज़ी). भारतीय साहित्य अकादमी. 1987. p. 6. OCLC 29798356.
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(help) - ↑ पसरीचा, आशु (२००८). The Political Thought Of C. Rajagopalachari [चक्रवर्ती राजगोपालाचारी के राजनीतिक विचार]. एंसिक्लोपेडिया एमिनेंट थिंकर्स (in अंग्रेज़ी). Vol. १५. कांसेप्ट पब्लिशिंग कंपनी. pp. १००. ISBN 978-81-8069-495-0.
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(help) - ↑ अग्रवाल, एम॰ जी॰ (२००८). Freedom fighters of India [भारत के स्वतंत्रता सैनानी]. ईशा बूक्स. p. 104. ISBN 978-81-8205-472-1. OCLC 259734603. Archived from the original on 4 जनवरी 2014. Retrieved 6 दिसंबर 2013.
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(help); Text "language-अंग्रेज़ी" ignored (help) - ↑ जे वेंकटेशन (२० दिसम्बर २००१). "PM releases one millionth book of Ramayana" [प्रधानमंत्री ने रामायण की दस लाख वीं प्रति जारी की] (in अंग्रेज़ी). द हिन्दू. Archived from the original on 2 नवंबर 2003. Retrieved ६ दिसम्बर २०१३.
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