भारत के नियन्त्रक एवं महालेखापरीक्षक

(महालेखापरीक्षक से अनुप्रेषित)


भारत के नियन्त्रक एवं महालेखापरीक्षक (अंग्रेज़ी: Comptroller and Auditor General of India; संक्षिप्त नाम: CAG कैग), भारतीय संविधान के अध्याय ५[4] द्वारा स्थापित एक प्राधिकारी है जो भारत सरकार तथा सभी प्रादेशिक सरकारों के सभी तरह के लेखों का अंकेक्षण करता है। वह सरकार के स्वामित्व वाली कम्पनियों का भी अंकेक्षण करता है। उसकी रिपोर्ट पर सार्वजनिक लेखा समितियाँ ध्यान देती है। भारत के नियंत्रक और महालेखापरीक्षक स्वतंत्र संस्था के रूप में कार्य करते हैं और इस पर सरकार का नियंत्रण नहीं होता| भारत के नियंत्रण और महालेखापरीक्षक की नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा की जाती हैं|[5] नियन्त्रक एवं महालेखापरीक्षक ही भारतीय लेखा परीक्षा और लेखा सेवा का भी मुखिया होता है। इस समय पूरे भारत की इस सार्वजनिक संस्था में ५८ हजार से अधिक कर्मचारी काम करते हैं।

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पदस्थ
गिरीश चंद्र मूर्मू

8 अगस्त 2020 से
नामांकनकर्ताभारत के प्रधानमंत्री
नियुक्तिकर्ताभारत के राष्ट्रपति
अवधि काल6 वर्ष या 65 वर्ष की आयु तक
(जो भी पहले आये)
उद्घाटक धारकवी नरहरि राव
उपाधिकारीउप नियन्त्रक एवं महालेखापरीक्षक
वेतन2,50,000 (US$3,650) प्रति माह[1][2][3]
वेबसाइटOfficial Website

भारत के नियन्त्रक एवं महालेखापरीक्षक का कार्यालय 10 बहादुर शाह जफर मार्ग पर नई दिल्ली में स्थित है। वर्तमान समय में इस संस्थान के प्रमुख गिरीश चंद्र मूर्मू हैं।[6] वे भारत के 14वें नियन्त्रक एवं महालेखापरीक्षक हैं। किसी भी कैग प्रमुख का कार्यकाल 6 वर्ष या 65 वर्ष की उम्र, जो भी पहले होगा, की अवधि के लिए राष्टपति द्वारा नियुक्त किया जाता है। संस्था केन्द्र अथवा राज्य सरकार के अनुरोध पर किसी भी सरकारी विभाग की जाँच कर सकती है। अनुच्छेद 148 के अनुसार भारत का एक नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक होगा। यह भारत सरकार की रिपोर्ट राष्ट्रपति को और राज्य सरकार की रिपोर्ट राज्य के राज्यपाल को देता है।

नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक के कार्य

(1) वह भारत की संचित निधि , प्रत्येक राज्य की संचित और प्रत्येक संघ शाषित प्रदेश, जहाँ विधानसभा हो, से सभी व्यय सम्बन्धी लेखाओं की लेखा परीक्षा करता है।


इसका वेतन संसद द्वारा निर्धारित होता हैं। अनु.148(4) के अनुसार नियंत्रक महालेखा परीक्षक अपने पद पर न रह जाने के पश्चात, भारत सरकार के या किसी राज्य सरकार के अधीन किसी और पद का पात्र नहीं होगा। संसद के दोनों सदनों द्वारा विशेष बहुमत के साथ उसके दुर्व्योहर या अयोग्यता पर प्रस्ताव पारित कर इसे पद से हटाया जा सकता हैं। इसे लोक लेखा समिति का 'आंख व कान' कहा जाता हैं। आखिरकार विपक्ष ऑर कैग के मध्य सामंजस्य यह होता है अगर किसी लेन देन में गलती हो तो उसे विपक्ष को बताना

अभी तक के नियन्त्रक एवं महालेखापरीक्षक

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क्रमांक नियन्त्रक एवं महालेखापरीक्षक कार्यकाल का आरम्भ कार्यकाल का अन्त
1 वी० नरहरि राव 1948 1954
2 ए० के० चन्द 1954 1960
3 ए० के० राय 1960 1966
4 एस० रंगनाथन 1966 1972
5 ए० बक्षी 1972 1978
6 ज्ञान प्रकाश 1978 1984
7 त्रिलोकी नाथ चतुर्वेदी 1984 1990
8 सी० एस० सोमैया 1990 1996
9 वी० के० शुंगलू 1996 2002
10 वी० एन० कौल 2002 2008
11 विनोद राय 2008 2013
12 शशिकान्त शर्मा़[7] 2013 2017
13 राजीव महर्षि 2017 2020
14

15

गिरीशचंद्र मुर्मू

के. संजय मूर्ती

2020

08 नवम्बर 2024

2024

पदस्त

  1. सन्दर्भ त्रुटि: <ref> का गलत प्रयोग; THE CONTROLLER AND AUDITOR-GENERAL'S (DUTIES, POWERS AND CONDITIONS OF SERVICE) ACT, 1971 नाम के संदर्भ में जानकारी नहीं है।
  2. सन्दर्भ त्रुटि: <ref> का गलत प्रयोग; HC and SC Judges (Salaries and Conditions of Service) Amendment Bill, 2017 नाम के संदर्भ में जानकारी नहीं है।
  3. सन्दर्भ त्रुटि: <ref> का गलत प्रयोग; CAG - Article 148 of Constitution of India नाम के संदर्भ में जानकारी नहीं है।
  4. "संग्रहीत प्रति". मूल से 31 अगस्त 2012 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 22 अगस्त 2012.
  5. "कैग क्या हैं". AskHindi. मूल से 12 जून 2018 को पुरालेखित.
  6. "कैग इंडिया". cag.gov.in. कैग इंडिया. मूल से 21 फ़रवरी 2020 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 15 मार्च 2020.
  7. "प्रेस वि‍ज्ञप्‍ति". पत्र सूचना कार्यालय, भारत सरकार. 23 मई 2013. मूल से 16 जुलाई 2014 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 15 जुलाई 2014.

बाहरी कड़ियाँ

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