राजस्थान के सवाई माधोपुर जिले की बोंली तहसील की पीपलवाड़ा ग्राम पंचायत के अंतर्गत आने वाला मांगरोल गांव एक छोटा सा गांव है। गांव में मीणा, गुर्जर , बैरवा जातियों के लोग अधिक रहते है। अन्य जातियां (जांगिड़ , योगी , ढोली ) के लोग नगण्य प्रतिशत निवास करते है। गांव में सबसे अधिक आबादी मीणा जनजाति की है जो कि महर या मेहर गोत्र से संबंधित है। मीणा जनजाति का महर गोत्र मीणा समाज का महत्वपूर्ण गोत्र है। इसी गोत्र के मीणाओं ने राजस्थान के लोकदेवता वीर तेजाजी महाराज को बुरी तरह से घायल कर दिया था लेकिन तेजाजी महाराज ने महर गोत्र के मीणों पर विजय पाई थी। गांव के उत्तर–पूर्व में एक छोटा– सा तालाब स्थित है। तालाब के पास में एक गोचर/चारागाह भूमि है , जहां पर गांव के बालक एवम् युवा क्रिकेट खेल खेलते हैं। मांगरोल गांव प्रमुखता मुख्य सड़क के किनारे पर बसा हुआ है। मांगरोल गांव का एक दुर्भाग्य यह है कि गांव के सभी व्यक्ति सरकारी सेवा में सर्विस लगते ही शहर में पलायन कर जाते हैं। इस कारण गांव में आधुनिकता की कमी है।

गांव
सन्दर्भ विवरण
गांव का नाम मांगरोल ग्राम पंचायत पीपलवाड़ा सरपंच कजोड़ी देवी
तहसील व पंचायत समिति बौंली
जिला मुख्यालय सवाई माधोपुर
विधानसभा क्षेत्र बामनवास वर्तमान विधायक श्रीमती इंदिरा मीणा
लोकसभा क्षेत्र टोंक-सवाई माधोपुर लोकसभा संसद श्रीमान सुखबीर सिंह जौनपुरिया
संभाग भरतपुर
पिनकोड नं. 322023
परिवहन कोड आर जे 25
प्रमुख व्यक्ति रामावतार मीणा अध्यापक , सतराज मीणा , मनराज मीणा s/o श्री बलराम मीणा एवम् समस्त मांगरोल ग्रामवासी मोबाइल नंबर :– 9785847106 (मनराज मीणा) दूरभाष नं. 07466
निकटतम पर्यटन स्थल चौथ माता मंदिर, चौथ का बरवाड़ा टापुर (डील) बांध
सवाई माधोपुर से दूरी 50 किलोमीटर
जयपुर से दूरी 97 किलोमीटर
गांव का प्रमुख मंदिर हनुमान जी का मंदिर

जनसंख्या संपादित करें

२०११ की जनगणना के अनुसार मांगरोल गांव 110 घरों की बस्ती है। गांव की कुल जनसंख्या 523 है जिसमें से 267 पुरुष एवं 256 महिलाएँ है। गांव में अनुसूचित जनजाति की संख्या 235 है जिसमें से 122 पुरुष व 113 महिलाएँ है वहीं अनुसूचित जाति की संख्या 155 है जिसमें से 77 पुरुष व 78 महिलाएँ है। मांगरोल गांव में 0 से 6 साल के बच्चों की जनसंख्या 75 है जिसमें से 37 लड़के व 38 लड़कियाँ है।

मंदिर संपादित करें

– पुराना हनुमान मंदिर–

मांगरोल गांव के पूर्व में एक पुराना हनुमान मंदिर है, जो कि 19 वीं या 20 वीं शताब्दी का बताया जाता है। आजकल यह मंदिर खंडहर के रूप में खड़ा हुआ है। अगर कोई इतिहासकार यहां आकर अध्ययन करें तो बहुत सारी ऐतिहासिक जानकारी जुटाई जा सकती है । कहा जाता है कि इस मंदिर दक्षिण में लगभग 50 मीटर की दूरी पर जमीन के अंदर सोने का भंडार मौजूद है। सन् 2005 में गांव वालों ने इस सोने के भंडार टटोलना चाहा। मगर जैसे ही JCB से खुदाई शुरू की तो जमीन के अंदर से मानव भोग / बलि की आवाज आई , जिससे गांव वाले डरकार भाग गए। मांगरोल गांव पूर्व में इसी मंदिर के चारों ओर बसा हुआ था। लगभग 40 या 50 वर्ष पूर्व यह अब मुख्य सड़क के पास आ बसा है।

हनुमान मंदिर संपादित करें

मांगरोल गांव का मुख्य आस्था धाम हनुमान जी का मंदिर है। यह मंदिर गाँव से दक्षिण-पश्चिम दिशा की ओर एक किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। भगवान हनुमान की इस मंदिर में चमत्कारी प्रतिमा है। मंदिर का प्रवेश द्वार दक्षिण दिशा की तरफ है। पास में डील नदी स्थित है जो वर्तमान में लुप्त प्रायः हो गई है, डील नदी को वर्तमान में नंगौह के नाम से जाना जाता है जो कभी बनास नदी की सहायक नदी के रूप मे जानी जाती थी। हनुमान मंदिर के पास ही पानी का कुआँ स्थित है जो हनुमान जी की बेवरी नाम से जाना जाता है। इस कुआँ से गांव के लोग सुबह सुबह रस्सी से बाल्टी बाँधकर पानी खीचते है एवं स्नान आदि करने के बाद भगवान हनुमान के दर्शन करते हैं।

ठाकुर जी का मंदिर संपादित करें

यह मंदिर गाँव के बीच में स्थित है जो कि गांव का मुख्य मंदिर बनने की बाहट जो रहा है। मंदिर में समय पर पाठ पूजन नहीं किया जा रहा है। कहाँ जाता है कि जबतक गांव के लोग इस मंदिर पर ध्यान नहीं देंगे तब तक गांव खुशहाली से रह नहीं सकता।

साक्षरता संपादित करें

2011 के आकड़ों के अनुसार मांगरोल गांव का साक्षरता प्रतिशत 55.58 है जो कि बहुत कम है। पुरुष साक्षरता प्रतिशत 84.35 है वहीं महिला साक्षरता प्रतिशत 25.23 है। गांव में राजकीय प्राथमिक विद्यालय स्थित है जो कि कक्षा 1 से लेकर 5 वीं तक के बच्चों का अध्ययन कराता है।

आवागमन संपादित करें

जिला मुख्यालय सवाई माधोपुर से मांगरोल गांव पहुंचने के लिए दो रास्ते सबसे सुलभ है :-

  1. सवाई माधोपुर से मांगरोल आने के लिए प्रथम रास्ता निम्न गाँवों में होकर जाता है - सवाई माधोपुर - सूरवाल - भगवतगढ़ - झोंपड़ा - बनास नदी - राठोद - बागरोली एवं मांगरोल। इस रास्ता में सवाई माधोपुर से सीधे झोंपड़ा गांव तक बस द्वारा पहुँचा जा सकता है। झोंपड़ा गांव से मांगरोल की दूरी महज 10 किलोमीटर दूर है।
  2. सवाई माधोपुर से मांगरोल आने के लिए दूसरा रास्ता सूरवाल - भाडौती - खिरणी - हिंदपुरा - पीपलवाड़ा एवं मांगरोल। इस रास्ता में सवाई माधोपुर से पीपलवाड़ा तक सीधे बस द्वारा पहुँचा जा सकता है और पीपलवाड़ा से मांगरोल की दूरी महज 2 किलोमीटर है।

संपादक:– मनराज मीणा s/o बलराम मीणा निवासी मांगरोल