मांडवी, गुजरात
मांडवी (Mandvi) भारत के गुजरात राज्य के कच्छ ज़िले में स्थित एक नगर है। यह अरब सागर से तटस्थ है और यहाँ सैंकड़ों वर्षों से नाव-निर्माण की परम्परा है। इतिहास में यह एक प्रमुख बंदरगाह भी रही है।[1][2][3]
मांडवी Mandvi માંડવી | |
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मांडवी बालूतट (बीच) | |
निर्देशांक: 22°49′59″N 69°21′22″E / 22.833°N 69.356°Eनिर्देशांक: 22°49′59″N 69°21′22″E / 22.833°N 69.356°E | |
देश | भारत |
प्रान्त | गुजरात |
ज़िला | कच्छ ज़िला |
जनसंख्या (2011) | |
• कुल | 51,376 |
भाषा | |
• प्रचलित भाषाएँ | कच्छी, गुजराती |
समय मण्डल | भारतीय मानक समय (यूटीसी+5:30) |
इतिहास
संपादित करेंकच्छ की खाड़ी के बीच में स्थित मांडवी अपने मनोहरी समुद्र तटों के लिए गुजरात ही नहीं भारत भर में प्रसिद्ध है। सफेद बालू से सज़ा यह तट सैलानियों को खुला आमंत्रण देता है। मांडवी राज्य की स्थापना स्थानीय भील राजा ने की थी उनके बाद इस नगर पर अन्य राजाओं का कब्जा रहा [4] ,1581 में कच्छ के जडेजा यहां के शासक रहे। उन्होंने इसे एक शानदार चारदीवारी से घिरा शहर बनाया था। उस समय मांडवी एक व्यावसायिक नगर के रूप में जाना जाता था। उस का कारण था यहाँ का समृद्ध बंदरगाह। मांडवी की समृद्धि का अनुमान इस बात से ही लगता है कि उस समय यहाँ के व्यापारियों के पास 400 पानी के जहाज़ होते थे। यही नहीं, यहाँ लकड़ी के जहाज़ बनाने का उद्योग स्थापित हो रुकमावती नदी कच्छ की खाड़ी में आ समाती है।
पर्यटन स्थल
संपादित करेंमांडवी के पर्यटन आकर्षण में पहला स्थान यहाँ के समुद्र तट का है। यह समुद्र तट दूर तक टहलने के लिए बेहद उपयुक्त है। समुद्र स्नान के लिहाज से एक सुरक्षित बीच होने के साथ-साथ यह तैराकी के लिए भी उपयुक्त माना जाता है। बीच के दूसरी ओर थोड़ी-थोड़ी दूर पर ताड़ के वृक्ष इस की ख़ूबसूरती को बढ़ाते हैं। गुजरात और राजस्थान से लोग पर्यटन के लिए यहाँ आते हैं।
विजय विलास पैलेस
संपादित करेंविजय विलास पैलेस मांडवी का दूसरा आकर्षण है। एक समय यह कच्छ के महाराजाओं का महल था। जिसे उन्होंने गरमी के लिए बनवाया था। ओरछा और दतिया के महलों की शैली में बने इस महल में राजपूत शैली का भी पूरा प्रभाव है। सुन्दर उद्यान, जलधाराएं इसे एक अनोखा वैभव प्रदान करती हैं।
अन्य आर्कषण
संपादित करेंरुकमावती नदी पर पत्थर का बना सब से लंबा पुल भी दर्शनीय है। 1883 में बना अपनी तरह का यह भारत में एकमात्र पुल है। मांडवी से कुछ दूर 'विंड फार्म बीच' भी एक सुन्दर और शांत सागरतट है। यह एशिया का सर्वप्रथम 'विंड फ़ार्म' है। 'विंड फार्म बीच' पर सैलानियों को एक ओर सागर की अथाह जलराशि नजर आती है तो दूसरी ओर उन्हें सैकड़ों पवनचक्कियाँ कतार में खड़ी नजर आती हैं। समुद्री हवाओं से निरंतर घूमते इन के टरबाइन इस क्षेत्र के लिए ऊर्जा उत्पन्न करते हैं। मांडवी बीच से भी ये टरबाइन नजर आती हैं।
इन्हें भी देखें
संपादित करेंसन्दर्भ
संपादित करें- ↑ "Gujarat, Part 3," People of India: State series, Rajendra Behari Lal, Anthropological Survey of India, Popular Prakashan, 2003, ISBN 9788179911068
- ↑ "Dynamics of Development in Gujarat," Indira Hirway, S. P. Kashyap, Amita Shah, Centre for Development Alternatives, Concept Publishing Company, 2002, ISBN 9788170229681
- ↑ "India Guide Gujarat," Anjali H. Desai, Vivek Khadpekar, India Guide Publications, 2007, ISBN 9780978951702
- ↑ "Treaties, Abstracts of Treaties, and Engagements, with the Rulers, Princes and Chiefs of Central India". A Memoir of Central India: 390–425. 2011-06-02. डीओआइ:10.1017/cbo9780511873720.020.