मारी (फ़िल्म)
मारी एक भारतीय तमिल भाषा की हास्य फ़िल्म है, जिसका निर्देशन बालाजी मोहन ने किया है। इसके निर्माता राधिका सरथकुमार और आर सरथकुमार हैं। इसमें धनुष, काजल अग्रवाल, विजय येसुदास, रोबो शंकर और अनिरुद्ध रविचंदर मुख्य भूमिका में हैं। यह फ़िल्म 17 जुलाई 2015 को सिनेमाघरों में प्रदर्शित हुई।[1]
मारी | |
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प्रचार हेतु छवि | |
निर्देशक | बालाजी मोहन |
लेखक | बालाजी मोहन |
निर्माता |
राधिका सरथकुमार, आर सरथकुमार |
अभिनेता |
धनुष काजल अग्रवाल विजय येसुदास रोबो शंकर अनिरुद्ध रविचंदर |
छायाकार | ओम प्रकाश |
संपादक | परसना जीके |
निर्माण कंपनियां |
वूनदेरबल फिल्म्स मैजिक फ्रेम |
वितरक |
मैजिक फ्रेम इस्केप आर्टिस्ट्स मोशन पिक्चर |
प्रदर्शन तिथियाँ |
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लम्बाई |
131 मिनट |
देश | भारत |
भाषा | तमिल |
लागत | ₹25 करोड़ (US$3.65 मिलियन) |
कहानी
संपादित करेंयह कहानी दो गुण्डे मारी (धनुष) से शुरू होती है। वह अपने दुशमन एक और गुण्डे को मार देता है। वह वेलु के नीचे कार्य करता है। वह एक और गुण्डे रवि से लड़ता रहता है। वह भी वेलु के नीचे ही कार्य करता है। एक दिन श्रीदेवी (काजल अग्रवाल) वहाँ अपने व्यापार के लिए आती है। मारी जबर्दस्ती उसके व्यापार में एक हिस्सेदार बन जाता है। वह उसके कुछ ग्राहक को भगा भी देता है, जिससे श्रीदेवी क्रोधित हो जाती है। वह अर्जुन (विजय येसुदास) जो की एक पुलिस अधिकारी है, उसकी मारी को पकड़वाने में मदद करती है। वह दिखाती है की वह मारी से प्यार करती है और वह उसके खिलाफ सबूत खोजती है। लेकिन इससे पहले ही किसी अन्य के द्वारा हुए हत्या का आरोप मारी पर लग जाता है और वह गिरफ्तार हो जाता है। वह जब बाहर आता है तो उसे पता चलता है कि वेलु भी गिरफ्तार हो चुका है। अर्जुन और रवि दोनों मिलकर कई लोगों को जेल में बन्द कर रहे हैं। वह दोनों से बदला लेने का सोचता है। इसी दौरान श्रीदेवी उससे प्यार करने लगती है। मारी अर्जुन के एक गैर कानूनी सामान से भरे वाहन को अपने कब्जे में ले लेता है और उससे वेलु को छोड़ने को कहता है। अर्जुन रवि को बचाने की कोशिश करता है। लेकिन उसके एक हवलदार के खुलासे के बाद वह भी पकड़ा जाता है। श्रीदेवी आखरी में अपने प्यार के बारे में मारी को बताती है, लेकिन वह इन्कार कर देता है।
कलाकार
संपादित करें- धनुष - मारी
- काजल अग्रवाल - श्रीदेवी
- विजय येसुदास - अर्जुन कुमार
- रोबो शंकर - सनिकिलमाइ
- काली वेंकट
- कल्लूरी विनोथ - आदिथंगी
- मीमे गोपी
- अनिरुद्ध रविचंदर - विशेष उपस्थिती
निर्माण
संपादित करेंविकास
संपादित करेंइस फ़िल्म के निर्देशक बालाजी मोहन ने इस फ़िल्म के निर्माण के बारें में जानकारी जनवरी 2014 में दी। तब उन्होने बताया की इसमें धनुष और काजल अग्रवाल मुख्य किरदार में रहेंगे।[2]
पात्र चुनाव
संपादित करेंएक अफवाह थी की इस फ़िल्म में धनुष कुछ समय के लिए दिखाई देंगे। फ़िल्म के नजदीकी सूत्रों ने बताया की वह इस फ़िल्म में एक मद्रास के स्थानीय निवासी के रूप में दिखाई देंगे और उसी में बात करेंगे। लेकिन जब किरदार का खुलासा हुआ तब वह एक मुख्य भूमिका में थे। यह किरदार उनके पिछले फ़िल्म आड़ुकलम (2011) से मिलता जुलता है।[3] इसी दौरान काजल अग्रवाल भी इस फ़िल्म से जुड़ गईं। वह भी इस फ़िल्म में मुख्य किरदार में से एक का किरदार निभा रहीं हैं। वह इस फ़िल्म से नवम्बर 2014 में जुड़ीं। यह उनकी तमिल सिनेमा में एक वर्ष के पश्चात वापसी है। इससे पहले वह जिल्ला (2014) नामक फ़िल्म में कार्य कर चुकी थीं।[4]
काजल पोल्लाधावन (2007) में धनुष के साथ कार्य करने वाली थीं। लेकिन उस समय अन्य फ़िल्म के कारण वह इससे बाहर गई। वह उस दौरान एक तेलुगू फ़िल्म चन्दामामा (2007) में कार्य कर रही थीं।
सन्दर्भ
संपादित करें- ↑ "Dhanush and Kajal Aggarwal team up". Sify. 9 January 2014. मूल से 12 मार्च 2015 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 12 March 2015.
- ↑ "Dhanush and Kajal Aggarwal team up". Sify. 9 January 2014. मूल से 12 मार्च 2015 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 12 March 2015.
- ↑ Karthik, Janani (3 February 2015). "Dhanush is a local slum chieftain in 'Maari'". The Times of India. मूल से 12 मार्च 2015 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 12 March 2015. Italic or bold markup not allowed in:
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(मदद) - ↑ "Kajal Aggarwal to team up with Dhanush soon". The Times of India. 7 November 2014. मूल से 12 मार्च 2015 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 12 March 2015. Italic or bold markup not allowed in:
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(मदद)