देवीप्रसाद मुंशी

(मुंशी देवीप्रसाद से अनुप्रेषित)

देवीप्रसाद मुंशी (माघ शुक्ला 14, संवत्‌ 1904 वि. - संवत्‌ 1980 वि.) प्राचीन इतिहास के पण्डित तथा महान हिन्दी सेवी थे।

परिचय संपादित करें

देवीप्रसाद जी का जन्म सक्सेना परिवार में हुआ था। इनके पिता का नाम मुंशी नत्थनलाल था। इनका परिवार बहुत बड़ा था, परंतु हिंदी का ज्ञान केवल इनके माता-पिता को था। अन्य लोग उर्दू-फारसी के ज्ञाता थे। इन्होंने उर्दू-फारसी की शिक्षा पिता से और हिंदी की शिक्षा माता से प्राप्त की। संवत्‌ 1920 में इन्होंने टोंक रियासत में नौकरी की। तदनंतर कुछ दिन अजमेर में रहे, फिर 1936 वि. से जोधपुर में नौकर हो गए।

टोंक में ही इन्होंने 'ख़ाब राजस्थान' नामक उर्दू पुस्तक की रचना की थी और 'स्वप्न राजस्थान' के नाम से उसका हिंदी अनुवाद भी किया था। जोधपुर में उन दिनों समस्त राजकाज उर्दू-फारसी में होता था, परंतु मुंशी जी ने महाराज की अनुकूलता पाकर समस्त राजकाल के लिए हिंदी नागरी का प्रचलन किया। संवत्‌ 1940 में ये वहीं मुंसिफ हो गए और अत्यंत कुशलतापूर्वक कार्य करते रहे। सेवाकाल में इनहें कई पुरस्कार और पदक आदि मिले थे।

मुंशी देवी प्रसाद ने जोधपुर राज्य के लिए कानून बनाए तथा कानून पर 13 पुस्तके लिखी। इन्हें कानून की देवी ,/कानून की माता/ कानूनी भी कहा जाता हैं। इन्होंने नेणसी को राजपुताने का अबुल फजल कहा।

इन्होंने राय सिंह को राजपूताने का कर्ण कहा है।

हिंदी जगत्‌ में मुंशी जी की ख्याति मुख्यत: प्राचीन इतिहास के प्रकांड पंडित के रूप में है। इन विषयों पर हिंदी और उर्दू में इन्होंने 50-60 ग्रंथों की रचना की थी जिनमें अकबरनामा, हुमायूँनामा, बाबरनामा, जहाँगीरनामा जैसे सुप्रसिद्ध ऐतिहासिक आकरग्रंथ उल्लेख्य हैं। इनको कई ग्रंथों पर पुरस्कार भी मिला था। इनकी प्रसिद्धि का दूसरा कारण काशी नागरीप्रचारिणी सभा के अंतर्गत ऐतिहासिक ग्रंथों के प्रकाशनार्थ 'देवीप्रसाद ऐतिहासिक पुस्तकमाला' की स्थापना है जिसमें अब तक बीस से अधिक उत्तमोत्तम ग्रंथ निकल चुके हैं।

संवत्‌ 1980 वि. में इनका निधन हुआ।

जुलाई 2022 में मुंशी देवीप्रसाद द्वारा कृत व पूर्व संसद ओंकारसिंह लखावत द्वारा संपादित 'चारण चमत्कार' पुस्तक को प्रकाशित किया गया। यह पुस्तक प्राच्य विद्यापीठ से प्राप्त मुंशी देवी प्रसाद गुप्त की हस्तलिखित पाण्डुलिपी की सामग्री को लेकर तैयार की गई थी।[1][2]

कृतियाँ संपादित करें

  • चारण-चमत्कार[3]
  • अकबरनामा,
  • हुमायूँनामा,
  • बाबरनामा,
  • जहाँगीरनामा
  • भागवत सम्प्रदाय
  • कारनामा-ए-नौ आईन
  • सूरदासजी का जीवनचरित (सम्वत् १९६३)
  • जहाँगीर का आत्मचरित
  • खानखाना नामा (दो भागों में ; सम्वत १९६६)
  • गुलदस्ता-ए-बिहारी
  • प्रकृति विज्ञान
  • मुगल दरबार (या 'मआसिरुल उमरा' ; कई भागों में)
  • इंसाफ संग्रह
  • मीराबाई का जीवनचरित्र
  • स्वप्नराजस्थान
  • महिला मृदुवाणि
  • इन्तिखाब-ए-नादिरा
  • अर्जंग-ए-चीन
  • मेयर-उल-बालघाट
  • मखजान-उल-फवाएद
  • नैणसी को राजस्थान
  1. "चारण साहित्य शोध संस्थान में आज होगा वृहद् साहित्य समारोह | Today there will be a large literary festival in the Charan Sahitya Re". Patrika News. 2022-06-10. अभिगमन तिथि 2023-03-25.
  2. "चारण समारोह-2022 : चारण साहित्य शोध संस्थान में हुआ पुस्तकों का विमोचन". AJMER MUSKAN. अभिगमन तिथि 2023-03-25.
  3. Dr. Sitaram Lalas (1922). Rajasthani Shabdkosh (Vol-IV). मुंशी देवीप्रसाद कृत चारण-चमत्कार (अप्रकाशित) में यह दोहा दिया