मुनि प्रणम्यसागर

आचार्य विद्यासागर जी के शिष्य

मुनि प्रणम्यसागर, आचार्य विद्यासागर जी से दीक्षित एक दिगम्बर साधु है। मुनि श्री ने कई जैन ग्रन्थों पर संस्कृत टीकाएँ, कई मौलिक कृतियाँ एवं वर्धमान स्तोत्र की रचना की है। अप्रैल २०१८ में इनका मुनि चंद्रसागर जी के साथ विहार दिल्ली के वैशाली क्षेत्र में हुआ। १४ मई २०१८ को महावीर वाटिका में इन दोनों मुनियों के सानिध्य में वर्धमान स्त्रोत विधान का आयोजन किया गया जिसमें सैकड़ो लोगो ने भाग लिया।

मुनि प्रणम्यसागर जी महाराज

मुनि श्री प्रणम्यसागर जी महाराज
धर्म जैन धर्म
उपसंप्रदाय दिगम्बर
व्यक्तिगत विशिष्ठियाँ
जन्म १३ सितम्बर १९७५
मैनपुरी, उत्तर प्रदेश

मुनि श्री ने कई दिगंबर ग्रन्थों पर संस्कृत टीकाएँ एवं कई मौलिक कृतियाँ लिखी है जिनमें से प्रमुख हैं :-

  • सत्संख्यादि अनुयोग द्वार
  • सल्लेखना/संथारा क्या आत्महत्या है?