मैनपुरी
मैनपुरी (Mainpuri) भारत के उत्तर प्रदेश राज्य के मैनपुरी ज़िले में स्थित एक नगर है। यह ज़िले का मुख्यालय भी है।[1][2]
मैनपुरी Mainpuri | |
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मैनपुरी की एक सड़क का दृश्य | |
निर्देशांक: 27°14′N 79°01′E / 27.23°N 79.02°Eनिर्देशांक: 27°14′N 79°01′E / 27.23°N 79.02°E | |
देश | भारत |
प्रान्त | उत्तर प्रदेश |
ज़िला | मैनपुरी ज़िला |
ऊँचाई | 153 मी (502 फीट) |
जनसंख्या (2011) | |
• कुल | 1,50,007 |
भाषा | |
• प्रचलित | हिन्दी |
समय मण्डल | भारतीय मानक समय (यूटीसी+5:30) |
पिनकोड | 205001 |
दूरभाष कोड | 05672 |
वाहन पंजीकरण | UP-84 |
वेबसाइट | mainpuri |
विवरण
संपादित करेंमैनपुरी आगरा मण्डल का एक प्रमुख शहर एवं लोकसभा क्षेत्र है। किलों के लिए प्रसिद्ध मैनपुरी उत्तर प्रदेश राज्य का एक जिला है। अकबर पुर औछा, अम्बरपुर वेटलैंड, समान वन्यजीव अभ्यारण, बरनाहल और करीमगंज आदि यहां के प्रमुख स्थलों में से है। ऐतिहासिक दृष्टि से भी यह स्थान काफी महत्वपूर्ण माना जाता है। यह जिला इत: जिले के उत्तर, फरूखाबाद एवं कन्नौज जिले के पूर्व, इटावा जिले के दक्षिण और फिरोजाबाद जिले के पश्चिम से घिरा हुआ है। मैनपुरी जिले का इतिहास प्रागैतिहासिक काल से ही है। मैनपुरी जिला पर चौहान शासको ने राज्य किया है। तथा चौहान शासको द्वारा मैनपुरी में किला , मंदिरो आदि का निर्माण कराया गया।मैनपुरी और उसके आस-पास की जगह पर कन्नौज के शासकवंश का शासन था। 1526 के दौरान यहां पर मुगल शासक बाबर, अठाहरवीं शताब्दी में मराठों और फिर अवध के नवाब वजीर ने शासन किया था। अंत में 1801 ई. में यहां ब्रिटिश शासकों ने शासन किया।
इस सीट पर सबसे पहले 1957 के आम चुनाव में PSP के टिकट पर बंसीदास धांगर ने जीत हासिल की थी. 1962 में कांग्रेस के बादशाह गुप्ता, और फिर 1967 व 1971 में कांग्रेस के ही महाराज सिंह चुने गए. 1977 और 1980 में रघुनाथ सिंह वर्मा ने क्रमशः BLD और जनता पार्टी प्रत्याशी के रूप में जीत दर्ज की. 1984 में कांग्रेस के बलराम सिंह यादव जीते, लेकिन 1989 और 1991 में जनता दल के उदय प्रताप सिंह ने यहां जीत हासिल की. इसके बाद 1996 में मुलायम सिंह यादव समाजवादी पार्टी (SP) के टिकट पर यहां से जीते. 1998 और 1999 में SP के टिकट पर बलराम सिंह यादव यहां से जीते. 2004 और 2009 में मुलायम सिंह यादव यहां लौटे और जीत हासिल की. इस सीट के अंतर्गत विधानसभा की 5 सींटें आती हैं, जिनमें करहल, मैनपुरी, भोगांव, जसवंतनगर व किशनी शामिल हैंं।
अकबरपुर औछा
संपादित करेंमैनपुरी जिले के पश्चिम से अकबरपुर औछा गांव लगभग 25 किलोमीटर की दूरी पर है। इस जगह का नाम शासक अकबर के नाम पर रखा गया है। अपने शासन काल के दौरान अकबर ने यहां एक किले का निर्माण भी करवाया था। इसके अतिरिक्त यहां कई हिन्दू मंदिर भी है। जिसके से एक ऋषि स्थान है जिसका निर्माण फरूखाबाद के चौधरी जय चंद ने करवाया था। यह मंदिर काफी प्राचीन है। प्रत्येक वर्ष नव दुर्गा के राम नवमी को मार्च-अप्रैल माह में यहां च्यवन ऋषि की याद में मेले का आयोजन किया जाता है। काफी संख्या में लोग इस मेले में सम्मिलित होते हैं।
विक्रम शिक्षा निकेतन
संपादित करेंयह विदयालय मैनपुरी जिले से 30 किलोमीटर की दूरी पर है। इस जगह पर एक बहुत सुन्दर आश्रम है, जिसका नाम गोपाल आश्रम है। इस आश्रम में एक विद्यालय है जिसमें १ से १२ कक्षा तक की शिक्षा दी जाती है। महाकवि देव जी - महाकवि देव जी की जन्मभूमि और कर्म भूमि है वो बहुत ही उच्च कोटि के कवि थे उनके नाम पर नगर मे महाकवि देव इंटर कॉलेज है और एक स्मृति स्मारक है जहां कुछ समय समय पर जीर्णोद्धार कराया जाता है और इसके केयर टेकर एसडीएम होता है रखरखाव के अभाव में बदहाली की हलात मे है
भोगाँव
संपादित करेंभोगाँव शहर मैनपुरी के पूर्व से 14 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। माना जाता है कि इस शहर की स्थापना राजा भीम ने की थी। उन्ही के नाम पर इस जगह का नाम भीमगांव अथवा भीमग्राम रखा गया। पहले समय में यह जगह अकबर के अधीन थी और भीमगांव परगना का मुख्यालय था। यहां का कुल क्षेत्रफल 0.44 वर्ग किलोमीटर है। इस जगह के समीप पर ही महादेव का प्रसिद्ध मंदिर स्थित है। यहां श्रद्धालुओ के लिए सराय और रहने की सुविधा भी प्रदान की गई है। इसके अलावा शहर के पठान क्वॉटर के केन्द्र में एक मस्जिद भी है। इस मस्जिद की विशेषता यह है कि इस मस्जिद के चारों ओर बनी ऊंची दीवारें और गहराई में बना तीर के आकार का रास्ता है।
करीमगंज
संपादित करेंमैनपुरी जिले से करीमगंज लगभग नौ किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। इस जगह पर एक किला है जिसका सम्बन्ध खान बहादुर खान से है। इस जगह पर खान बहादुर रहा करता था यह किला लगभग दो शताब्दी पूर्व का है। इस गांव का क्षेत्रफल 1,656 हेक्टेयर है।
बरनाहल
संपादित करेंयह कस्बा करहल के पश्चिम से 16 किलोमीटर और मैनपुरी के दक्षिण से 32 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। इस कस्बे का क्षेत्रफल 635 हेक्टेयर है। प्रत्येक वर्ष राम नवमी के अवसर पर यहां मेले का आयोजन किया जाता है। कृषि यहां के लोगों का प्रमुख व्यवसाय है। यह दिहुली व नवाटेड़ा के बीच में स्थित है। इस के पूर्व में जाफरपुर गाँव है व 2 किलोमीटर दूर एमाहसन नगर गाँँव है। विकास खंड बरनाहल में शिक्षा संस्थान ज्ञानदीप पब्लिक इंटर कॉलेज है। बरनाहल में आदर्श कृष्ण इंटर कॉलेज बहुत ही प्रसिद्ध कॉलेज है। यहां लगभग 2000विद्यार्थी पड़ते है।
बरनाहल से 6 किलोमीटर करहल रोड पर गोपियापुर गांव पड़ता है। इस गांव में श्री बालकराम शाक्य जी का परिवार रहता है आदरणीय बालक राम शाक्य जी का निधन 29.03.2021 को हो गया था । उनके 5 पुत्र है। जिनके नाम इस प्रकार है। दिवारीलाल शाक्य,जनवेद सिंह शाक्य, हरवान सिंह शाक्य, हरिओम सिंह शाक्य, प्रेम नारायण शाक्य, सभी भाई कृषि और व्यापार करते है। पूरा परिवार शिक्षित है। सभी बौद्धधर्म को मानते हैं।
समान वन्यजीव अभ्यारण
संपादित करेंमैनपुरी जिला स्थित समान वन्यजीव अभ्यारण पांच किलोमीटर के क्षेत्र में फैला हुआ है। इस अभ्यारण का निर्माण 1990 ई. में हुआ था। इस अभ्यारण में पक्षियों की कई प्रजातियां देखी जा सकती है। यहां घूमने का सबसे उचित समय दिसम्बर से फरवरी है।
अम्बरपुर वेटलैंड
संपादित करेंमैनपुरी जिला स्थित अम्बरपुर वेटलैंड करहल-किशनी मार्ग पर स्थित है। इस जगह पर विश्व के सबसे लम्बे उड़ने वाले 400 सारस मौजूद है। इसके समीप पर ही कुदिईया वेटलैंड स्थित है।
बरेली-इटावा मार्ग पर स्थित बेवर शहर मैनपुरी के पूर्व से 30 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। इस जगह का क्षेत्रफल सिर्फ 0.75 वर्ग किलोमीटर है। यह जगह छिबरामऊ से करिब 25 किलोमीटर दूर है। आगरा से बेवर की दूरी करीब 3 (यदि रास्ता सही है तो ) घंटे की है। यहां प्रतिवर्ष अमर शहीदों (विद्यार्थी कृष्ण कुमार, जमुना प्रसाद त्रिपाठी और सीताराम गुप्त)[3] की स्मृति के साथ साथ देश के तमाम जाने अनजाने अमर शहीदों और भारतीय स्वाधीनता संग्राम के क्रान्तिकारियों और स्वाधीनता सेनानियों को श्रद्धा-सुमन अर्पित करने हेतु 19 दिनों तक 23 जनवरी से 10 फरवरी तक शहीद मेला का आयोजन होता है|यहाँ आज़ादी के योद्धाओ की यादों को संजोये रखने व उनके व्यक्तित्व व कृतित्व से नई पीढी़ का परिचय कराने के लिए एक शहीद मन्दिर भी स्थापित है। जहां एक मंडप तले 26 आजादी के योद्धाओं की प्रतिमाएं विराजमान हैं। जो इस समय इं0राज त्रिपाठी की अगुआई में इस समय सारे देश में शहीदों की स्मृतियाँ अक्षुण्य रखने का कार्य कर रहा है। [3]इस नगर का प्राचीन नाम 'विदुर नगर'है जिसका संबंध महाभारत काल के विद्वान महात्मा विदुर से पड़ा। नगर बेवर के ग्राम रसूलाबाद में महात्मा विदुर की समाधि स्थली भी उपस्थित है।
आवागमन
संपादित करें- वायु मार्ग
सबसे निकटतम हवाई अड्डा आगरा विमानक्षेत्र है।
- रेल मार्ग
भारत के प्रमुख शहरों से रेलमार्ग द्वारा मैनपुरी पहुंचा जा सकता है। सबसे नजदीकी रेलवे स्टेशन मैनपुरी है। यह जगह शहर के दक्षिण-पूर्व से 55 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।
- सड़क मार्ग
मैनपुरी सड़कमार्ग द्वारा भारत के कई प्रमुख शहरों से आसानी से पहुंचा जा सकता है।
इन्हें भी देखें
संपादित करेंबाहरी कड़ियाँ
संपादित करेंसन्दर्भ
संपादित करें- ↑ "Uttar Pradesh in Statistics," Kripa Shankar, APH Publishing, 1987, ISBN 9788170240716
- ↑ "Political Process in Uttar Pradesh: Identity, Economic Reforms, and Governance Archived 2017-04-23 at the वेबैक मशीन," Sudha Pai (editor), Centre for Political Studies, Jawaharlal Nehru University, Pearson Education India, 2007, ISBN 9788131707975
- ↑ "संग्रहीत प्रति". मूल से 18 मार्च 2018 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 18 मार्च 2018.