मुनेओ तोकुनागा (徳永 宗雄, Tokunaga Muneo, तोकुनागा मुनेओ ) एक जापानी भारतविद थे। उन्होंने हार्वर्ड विश्वविद्यालय के डॉक्टरेट कार्यक्रम के स्नातक किया, और फिर क्योटो विश्वविद्यालय के भारतविद्या विभाग में पढ़ाया। रामायण और महाभारत को डिजिटल प्रारूप देने का श्रेय उन्हें दिया जाता है।

मुनेओ तोकुनागा
जन्म 1 जनवरी 1945
 जापान ओसाका
मौत अगस्त 1, 2016(2016-08-01) (उम्र 71)
क्योटो
पेशा भारतविद
उल्लेखनीय कार्य {{{notable_works}}}

जीवनी संपादित करें

तोकुनागा संस्कृत और वेदों के विशेषज्ञ थे और भारतीय भाषाओँ पर दुनिया के अग्रणी जानकारों में से एक थे [उद्धरण चाहिए] वे भारतीय महाकाव्यों के विद्वान माने जाते थे, और 1994 में पूना क्रिटिकल एडिशन पर आधारित महाभारत के एएससीआईआई प्रारूप में उन्होंने दुनिया को महाभारत का पहला डिजिटल, खोज योग्य पाठ प्रदान किया। इसे बाद में जॉन डी॰ स्मिथ ने संशोधित किया। तोकुनागा ने बड़ौदा क्रिटिकल संस्करण पर आधारित एक अन्य भारतीय महाकाव्य, रामायण का भी अनुवाद किया, जो स्मिथ के अपने संशोधित डिजिटल संस्करण का आधार बना। [1] वे जापानी और तमिल भाषाओं को जोड़ने वाले सुसुमु ओऽनो के सिद्धांतों के घोर आलोचक थे।[2]

लिंक संपादित करें

टिप्पणियाँ संपादित करें

  1. John Smith, Towards a machine-readable Mahabharata Archived 2007-11-13 at the वेबैक मशीन
  2. Tokunaga Muneo,Nihongo to Tamirugo Gengo Kenkyū No. 2