मुर्गा (भोजन)
दुनिया में मुर्गीपालन पोल्ट्री का सबसे आम प्रकार है। मवेशियों या बकरी जैसे स्तनधारियों की तुलना में मुर्गियों को पालने में अपेक्षाकृत आसानी होती है और कम लागत लगती है। मुर्गी का मांस (मुर्गा या चिकन) और अंडे कई व्यंजनों में प्रचलित हैं। संयुक्त राष्ट्र का अनुमान है कि आज पृथ्वी पर 19 अरब मुर्गियाँ हैं, जिससे उनकी संख्या मनुष्यों से दोगुनी से भी अधिक है। वैसे तो मुर्गी मांस प्रोटीन का एक अच्छा स्रोत है लेकिन ज्यादा चिकन खाने से कई नुकसान भी हैं।[1]
परोसने का तापमान | गर्म एवं ठंडा |
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भारत में ज्यादातर मांसाहारी लोग चिकन खाते हैं।[2] मुर्गी से प्राप्त अंडे भी प्रयोग में लिए जाते हैं। किसी मुर्गी के मांस के अलावा उसके पंजे एवं सिर भी कुछ लोगों द्वारा खाने में प्रयोग किये जाते हैं। मुर्गे को कई तरह से पकाया जाता है, तंदूर में भुनना, तेल में तलना, कुकर में पकाना, आदि। मुर्गी के मांस के कई व्यंजन अत्यधिक प्रचलित हैं, तंदूरी चिकन, बटर चिकन, मुर्ग मुसल्लम, आदि। केएफसी जैसी फास्ट फूड बनाने वाली कंपनिया पूरी तरह से मुर्गी मांस पर निर्भर हैं। भारत के कई शहर अपने चिकन से बने व्यंजन के लिए प्रख्यात हैं, जैसे लखनऊ, हैदराबाद, दिल्ली आदि।[3] लुधियाना जैसे शहर बहुमत में मांसाहारी खाने वाले शहरों में आते हैं जिसमें मुर्गी मांस प्रमुखता से खाया जाता है।[4]
सन्दर्भ
संपादित करें- ↑ "चिकन, चावल, चीनी, चाय, चिकनाई और चपाती का शौक पड़ सकता है महंगा, इन बिमारियों का हो सकते हैं शिकार". www.enavabharat.com. अभिगमन तिथि 22 जून 2023.
- ↑ "बूढ़ी हड्डियों में आएगी जान, मसल्स में भरेगा प्रोटीन, जानिए उबले चिकन खाने के 6 फायदे". नवभारत टाइम्स. अभिगमन तिथि 22 जून 2023.
- ↑ "लखनऊ में यहां मिलता है सबसे सस्ता और लजीज़ फ्राई चिकन". न्यूज़ 18. 18 जून 2023. अभिगमन तिथि 22 जून 2023.
- ↑ "लुधियानवी क्या सचमुच खा रहे हैं हजारों मुर्गे ...?". पंजाब केसरी. 19 जून 2023. अभिगमन तिथि 22 जून 2023.
बाहरी कड़ियाँ
संपादित करेंमुर्गी मांस से संबंधित मीडिया विकिमीडिया कॉमंस पर उपलब्ध है। |