मुस्लिम महिला अधिकार दिवस
मुस्लिम महिला अधिकार दिवस: 1 अगस्त को भारत में मनाया जाता है, मुस्लिम महिला (विवाह पर अधिकारों का संरक्षण) अधिनियम, 2019 के अधिनियमन का जश्न मनाने के लिए, जो भारत में ट्रिपल तलाक जिसमें कोई मुसलमान पुरुष अपनी पत्नी को तीन बार "तलाक़" बोलकर, लिखकर या किसी इलेक्ट्रानिक रूप में भेजकर उससे विवाह-सम्बन्ध-विच्छेद (तलाक़) कर लेता था की प्रथा को प्रतिबंधित करता है। [1] [2]
तीन तलाक को आपराधिक अपराध के रूप में वर्गीकृत करने वाला कानून 1 अगस्त 2019 को लागू हुआ। तीन तलाक की प्रथा पर रोक लगा दी गई और मुस्लिम दम्पतियों को शरिया कानून के बजाय भारतीय दंड संहिता के अनुसार तलाक लेने का आदेश दिया गया। भारत में पहला मुस्लिम महिला अधिकार दिवस 1 अगस्त 2020 को मनाया गया। [3] इस कानून के लागू होने से भारत में तीन तलाक के मामलों में लगभग 82% की कमी आई है। पाकिस्तान, बांग्लादेश और इंडोनेशिया सहित कई इस्लामी देशों में तीन तलाक पर प्रतिबंध है।[4]
इन्हें भी देखें
संपादित करेंसंदर्भ
संपादित करें- ↑ Livemint (2021-07-31). "'Muslim Women Rights Day' to commemorate two years of triple talaq law". mint (अंग्रेज़ी में). अभिगमन तिथि 2021-09-09.
- ↑ "Significant decline in triple talaq cases after law against it came into effect: Naqvi". The Hindu (अंग्रेज़ी में). PTI. 2021-07-31. आइ॰एस॰एस॰एन॰ 0971-751X. अभिगमन तिथि 2021-09-09.
- ↑ "Muslim women's rights day | DD News". मूल से 31 July 2021 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 31 July 2021.
- ↑ "Muslim Women Rights Day". Drishti IAS (अंग्रेज़ी में). अभिगमन तिथि 2024-08-01.