मृत्य्वधिकार
मृत्य्वधिकार (मृत्यु-अधिकार) एक अवधारणा है जो इस राय पर आधारित है कि मनुष्य आत्महत्या करने या स्वैच्छिक इच्छामृत्यु से गुजरने का अधिकारी है। इस अधिकार का स्वामित्व अक्सर यह समझा जाता है कि अचिकित्स्य रोग, असाध्य पीड़, या जीवित रहने की इच्छा के बिना व्यक्ति को निज जीवन समाप्त करने, सहायक आत्महत्या का प्रयोग करने, या जीवन भर उपचार से अस्वीकृति की अनुमति देना चाहिए। यह निर्णय लेने का अधिकार किसे दिया जा सकता है, अक्सर विवाद का विषय रहता है।
आत्महत्या पर धार्मिक विचार हिन्दू और जैन उपवास के माध्यम से अहिंसक आत्महत्या की प्रथाओं (क्रमशः प्रायोपवेशन और सल्लेखना ) से लेकर इसे गंभीर पाप, जैसा कि कैथोलिक धर्म में, मानने तक भिन्न हैं।