मेहोजी[1] राजस्थान के लोक-देवता हैं। वे १३वीं शताब्दी में राजस्थान में जन्मे थे। उनके पिता जी का नाम केलु था, जो बापिणी क्षेत्र के राजा थे।

मेहाजी मांगलिया
बापिनी शासक
उत्तरवर्तीकेलु मांगलिया
जन्मवि.स. 1332
बापिणी
निधनरातडिये मगरे
घरानागूहिल वंशीय मांगलिया
पिताकेलु मांगलिया
धर्मसनातन

राजस्थान के लोक देवता मेहोजी मांगलिया का जन्म वि.सं. 1332 जोधपुर ज़िले में ओसिया के पास तापू नामक गाँव में हुआ था। मेहोजी के पिता का नाम केलू था, जो की तापु गाव के जागीरदार थे।

मूल स्थान - बापिणी, ओसियां, जोधपुर | ननिहाल - मंडोर में

जाति :मांगलिया(कर्नल जेम्स टोड के अनुषार),,गौत्र , पिता:केलू जी थे.इनका घोड़ा: कीरड़ काबरा था।

बलिदान: झीगोर नाड़ी, केरलानाडा गांव - भीकमकोर (ओसियां) जोधपुर में हुआ था।

युद्ध : जैसलमेर के आताताई लूटेरौ से(राव रणगदेव भाटी से युद्ध में मृत्यु)

मंदिर व मेला - भाद्रपद कृष्ण अष्टमी (कृष्ण जन्माष्टमी ) को।

पुजारी - कुवांरे भोपे ( ये वंश क्रम नहीं होते हैं, गोद लेते हैं।

मेहोजी का विवाह एवं गायों की रक्षा करना

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मेहोजी का विवाह महेचा मलीनाथ की बेटी के साथ हुआ था। मेहोजी ने एक अबला औरत को उसकी गायों की रक्षा का वचन दिया था , जो कि उनकी धर्म बहन थी ,कि वो उनकी गायों की रक्षा करेंगे। मेहोजी गायों की रक्षा करते-करते मारे गए।

  1. "मेहोजी के मेले में उमड़ भारी जनसैलाब". दैनिक भास्कर. अभिगमन तिथि 2 फरवरी 2016.[मृत कड़ियाँ]

मंगलिया मेहाजी के घोड़े का नाम किरड़ काबरा था

बाहरी कड़ियाँ

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