मैंने दिल तुझको दिया

हिन्दी भाषा में प्रदर्शित चलवित्र

मैंने दिल तुझको दिया 2002 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। इसे सुहेल ख़ान द्वारा निर्देशित और निर्मित किया गया है। इसमें वो अन्य नवोदित अभिनेत्री समीरा रेड्डी के साथ अपने अभिनय करियर की शुरुआत करते हैं।[1] इसमें संजय दत्त, कबीर बेदी और दलीप ताहिल भी सहायक भूमिकाओं में हैं।

मैंने दिल तुझको दिया

मैंने दिल तुझको दिया का पोस्टर
निर्देशक सुहेल ख़ान
लेखक रंजीत गुप्ता
निर्माता सुहेल ख़ान
बंटी वालिया
अभिनेता सुहेल ख़ान,
समीरा रेड्डी,
संजय दत्त,
कबीर बेदी
संगीतकार डब्बू मलिक
प्रदर्शन तिथियाँ
23 अगस्त, 2002
देश भारत
भाषा हिन्दी

अजय ( सुहेल ख़ान) आर्यन्स नामक अपने कॉलेज समूह का प्रमुख है। अजय को आयशा (समीरा रेड्डी) नाम की एक लड़की से मिलवाया जाता है। धीरे-धीरे, अजय और आयशा एक-दूसरे के प्यार में पड़ जाते हैं। लेकिन आयशा के पिता वर्मा (कबीर बेदी) अजय को नकार देते हैं। अजय उनको सही समय पर आयशा को हासिल करने की चुनौती देता है। वर्मा के दोस्त और बिजनेस पार्टनर चोपड़ा (दलीप ताहिल) भी अचानक क्रोधित हो जाते हैं और अजय को खत्म करने का फैसला करते हैं। लेकिन चोपड़ा का एक छिपा हुआ मकसद है: चोपड़ा को वर्मा परिवार की संपत्ति हासिल करने के लिए आयशा से अपने बेटे की शादी करवानी है। इसलिए चोपड़ा अजय को खत्म करने के लिए कुख्यात अपराधी भाईजान (संजय दत्त) को कहता है। लेकिन भाईजान मना कर देता है, क्योंकि वह रमजान के महीने में कोई गलत काम नहीं करता है। इसलिए भाईजान अपने दो प्रमुख गुर्गों, मुन्ना (राजपाल यादव) और छोटे को ये काम सौंपता है। अजय पहले तो लड़ाई के दौरान उन्हें पीट लेता है। लेकिन जल्द ही वे लोग अजय को बेरहमी से पीट कर मरने के लिए छोड़ देते हैं। अजय अपनी चोटों से जल्दी ठीक हो जाता है और गेट से वर्मा की हवेली में प्रवेश करता है। फिर से, चोपड़ा एक साजिश रचता है और बिना किसी अपराध के अजय को गिरफ्तार करवा देता है।

पुलिस इंस्पेक्टर (आसिफ़ शेख) पहले अजय की पिटाई करता है लेकिन अजय जेल से भाग जाता है। अब चोपड़ा छोटे को अजय को मारने के लिए बुलाता है और उसे ढेर सारा पैसा देने का वादा करता है। लेकिन छोटे जवाब देता है कि रमजान खत्म हो गया है और भाईजान अजय को खत्म कर देंगे। अजय गुंडों से घिर जाता है और भाईजान उसे बीच में ही रोक देता है। भाईजान अजय को मारने ही वाला होता है कि अजय कहता है कि वह प्यार करने वाला है और प्यार में सिर्फ़ एक बार मरेगा। इससे भाईजान हक्का बक्का होकर अजय को जाने देते हैं। कारण यह था कि भाईजान का एक भाई इरफ़ान था। उसने आत्महत्या कर ली थी क्योंकि भाईजान को उसकी किसी लड़की के लिए पनप रही प्रेम भावनाओं की परवाह नहीं थी। ईद उल फ़ितर के दौरान भाईजान अल्लाह का शुक्रिया अदा करता है और उसकी मदद करने का फैसला करता है। उसी दिन, अजय 24 घंटे के भीतर वर्मा की हवेली में पहुँच जाता है और रमन चोपड़ा और आयशा की शादी रोकने का फैसला करता है। छोटे भाईजान की बात नहीं मानता और जल्द ही लड़ाई शुरू हो जाती है। अजय शादी में बाधा डालता है और वर्मा पर बंदूक तानता है। जल्द ही अजय और आयशा की शादी हो जाती है। भाईजान तलवार से सभी गुंडों को मार देता है और अंत में मुन्ना और छोटे को तलवार से काट देता है। फिल्म एक सुखद अंत के साथ समाप्त होती है, जिसमें आयशा और अजय एक हो जाते हैं। भाईजान अजय के साथ सुलह कर लेते हैं क्योंकि वह उन्हें उनके भाई की याद दिलाता है।

मुख्य कलाकार

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सभी डब्बू मलिक द्वारा संगीतबद्ध।

क्र॰शीर्षकगीतकारगायकअवधि
1."थोड़ा सा प्यार हुआ है"फैज़ अनवरउदित नारायण, अलका यागनिक4:52
2."कुछ भी नहीं कुछ नहीं"सलीम बिजनौरीउदित नारायण, अलका यागनिक5:52
3."मैंने दिल तुझको दिया"जलीस रशीदसोनू निगम, सुनिधि चौहान7:13
4."थोड़ा सा प्यार (दुःखी)"प्रवीण भारद्वाजसोनू निगम5:05
5."शनाना ना" (भाग 1 & 2)सलीम बिजनौरीअभिजीत, अलका यागनिक, डब्बू मलिक, जोर्डी, अयूब6:21
6."सोना सोना" (रिदिम ऑफ़ लव)गुफी पेंटलसोनू निगम, अलका यागनिक5:23
7."दिल चुराने लगी"प्रवीण भारद्वाजसोनू निगम, अनुराधा पौडवाल6:21
8."आजा वे साजन"सलीम बिजनौरीअलका यागनिक, सुनिधि चौहान4:20
  1. "जब संजय दत्त का साथ भी नहीं आया था सलमान के भाई के काम, फिल्म हो गई थी ढेर". TV9 भारतवर्ष. 4 अप्रैल 2024. अभिगमन तिथि 28 अगस्त 2024.

बाहरी कड़ियाँ

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