मोतीहारी बिहार राज्‍य के पूर्वी चंपारण जिले का मुख्‍यालय है। बिहार की राजधानी पटना से 170 किमी दूर पूर्वी चम्पारण बिल्‍कुल नेपाल की सीमा पर बसा है। इसे मोतिहारी के नाम से भी लोग जानते है। ऐतिहासिक दृष्टि से भी इस जिले को काफी महत्‍वपूर्ण माना जाता है। किसी समय में चम्‍पारण, राजा जनक के साम्राज्‍य का अभिन्‍न भाग था। स्‍वतंत्रता संग्राम में महत्‍वपूर्ण भूमिका निभाने वाले महात्मा गांधी ने तो अपने राजनीतिक आंदोलन की शुरुआत यही से की थी। उनकी याद में यहा गांधीवादी मेमोरियल स्तंभ बनाया गया है जिसे शांतिनिकेतन के प्रसिद्ध कलाकार नंद लाल बोस द्वारा डिजाइन किया गया था। स्तंभ की आधारशिला 10 जून 1972 को तत्कालीन राज्यपाल डी.के. बरूच द्वारा रखी गई थी। यह 48 फीट लंबा पत्थर का स्तंभ है और उसी स्थान पर स्थित है, जहां महात्मा गांधी को अदालत में पेश किया गया था।

मोतिहारी
शहर
केसरिया स्तूप, जिसे विश्‍व का सबसे बड़ा स्‍तूप माना जाता है।
केसरिया स्तूप, जिसे विश्‍व का सबसे बड़ा स्‍तूप माना जाता है।
उपनाम: झील शहर
मोतिहारी is located in बिहार
मोतिहारी
मोतिहारी
बिहार, भारत में अवस्थिति।
निर्देशांक: 26°39′00″N 84°55′00″E / 26.65000°N 84.91667°E / 26.65000; 84.91667निर्देशांक: 26°39′00″N 84°55′00″E / 26.65000°N 84.91667°E / 26.65000; 84.91667
देश India
राज्यबिहार
ज़िलापूर्वी चम्पारण
वार्ड40
शासन
 • प्रणालीमहापौर-परिषद
 • सभामहापौर-परिषद
क्षेत्र122 किमी2 (47 वर्गमील)
क्षेत्र दर्जा04
ऊँचाई62 मी (203 फीट)
जनसंख्या (2011[1])
 • कुल1,24,000
 • घनत्व1,000 किमी2 (2,600 वर्गमील)
भाषा
 • आधिकारिकहिन्दी[2]
 • अन्य आधिकारिकउर्दू[2]
समय मण्डलआईएसटी (यूटीसी+5:30)
पिन845401,845435,845437
टेलीफोन कोड06252
आई॰एस॰ओ॰ ३१६६ कोडIN-BR
वाहन पंजीकरणBR-05
लोकसभा निर्वाचन क्षेत्रपूर्वी चम्पारण लोक सभा निर्वाचन क्षेत्र
विधानसभा निर्वाचन क्षेत्रमोतिहारी
वेबसाइटeastchamparan.bih.nic.in


मोतिहारी की स्थलाकृति अद्भुत दर्शनीय थी। तेजस्वी सुंदरता की मोतीझील झील (शास्त्रीय शब्दों में) शहर को दो हिस्सों में बांटती है।[3] पर्यटन की दृष्टि यहां सीताकुंड, अरेराज, केसरिया, चंडी स्‍थान,ढा़का जैसे जगह घूमने लायक है।

भूगोल संपादित करें

मोतीहारी की स्थिति 26°39′N 84°55′E / 26.65°N 84.92°E / 26.65; 84.92[4] पर है। इसकी समुद्र तल औसत ऊंचाई 62 मीटर (203 फीट) है। मोतिहारी, बिहार की राजधानी पटना से उत्तर-पश्चिम में लगभग 165 किलोमीटर, बेतिया से 45 किलोमीटर, मुज़फ़्फ़रपुर से 72 किलोमीटर की दूरी पर, मेहिया से 40 किमी, सीतामढी से 75 किलोमीटर की दूरी पर और चकिया से 30 किलोमीटर की दूरी पर है। शहर नेपाल के करीब है। बीरगंज, 55 किमी दूर है।

यहां की जलवायु कोपेन जलवायु वर्गीकरण के उप-प्रकार आर्द्र उपोष्णकटिबंधीय है। जलवायु में उच्च तापमान और समान रूप से वर्ष भर वितरित वर्षा की विशेषता है।

जनसांख्यिकी संपादित करें

2011 की भारत की जनगणना के अनुसार,[5] और जनगणना भारत की अनंतिम रिपोर्टों के अनुसार, 2011 में मोतिहारी की जनसंख्या 125,183 थी; जिनमें से पुरुष और महिला क्रमशः 67,438 और 57,745 हैं। मोतिहारी शहर का लिंगानुपात प्रति 1,000 पुरुषों पर 856 है।

मोतिहारी शहर में कुल साक्षरताएं 94,926 हैं, जिनमें 52,904 पुरुष हैं जबकि 42,022 महिलाएं हैं। औसत साक्षरता दर 87.20 प्रतिशत है जिसमें पुरुष और महिला साक्षरता 90.36 और 83.52 प्रतिशत थी।

2011 की जनगणना इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, मोतिहारी शहर में 0–6 आयु वर्ग के बच्चे 16,325 हैं। 8,891 लड़के और 7,434 लड़कियां थीं। लड़कियों का बाल लिंगानुपात प्रति 1,000 लड़कों पर 836 है।

यातायात संपादित करें

मोतिहारी रेलवे और रोडवेज के माध्यम से भारत के विभिन्न शहरों से जुड़ा हुआ है। नई दिल्ली, मुंबई, जम्मू, कोलकाता और गुवाहाटी के लिए सीधी ट्रेनें उपलब्ध हैं। एशियाई राजमार्ग 42, राष्ट्रीय राजमार्ग 28A और राज्य राजमार्ग 54 शहर से गुजरते हैं। निकटतम हवाई अड्डा दरभंगा में स्थित है जो मोतिहारी से कुछ किमी दूर है।

प्रमुख स्थल संपादित करें

सीताकुंड संपादित करें

इस स्थान कि व्याख्या बालमिकी रामायण तथा तुलसी दास जी के रामचरितमानष मे भी मिलता है। जो मोतिहारी से 16 किमी दूर पीपरा रेलवे स्‍टेशन से 2 किमी उत्तर में बेदीबन मधुबन पंचायत मे यह स्थान स्थित है। माना जाता है कि भगवान राम के विवाह के पाश्चात, जनकपुर से लौटती बारात ने एक रात्रि का विश्राम इसी स्थान पर किया था। और भगवान राम और देवी सीता के विवाह कि चौथी तथा कंगन खोलाई कि विधि इसी स्थान पर संपन्न किया गया था। उस समय यहाँ पर एक कुंड खुदाया गया था जिसमें पृथ्वी के अंदर से सात अथाह गहराई वाले कुऑ मिला था जिसका पानी कभी कम नही होता है और वो आज भी है, इसे सीताकुंड के नाम से जाना जाता है क्योकि इस कुंड के जल से सर्वप्रथम देवी सीता ने पुजा किया था।। इसके किनारे मंदिर भी बने हूए है और इसके 1 किमी के अंदर ही ऐसे 5 पोखरा(कुंड) है जो त्रेतायुग से अबतक अपने जल का अलग-अलग उपयोग के लिए प्रसिद्ध है जिसमें एक सबसे प्रसिद्ध गंगेया पोखरा है जहाँ गंगा स्नान के दिन हजारो-हजार कि संख्या मे लोग स्नान करने आते है क्योकि लोग यह मानते है कि जब यहा बारात रूकी थी तो गंगा मैया स्वयं यहाँ आयी थी ताकि देवी सीता और भगवान राम सहित सभी स्नान कर लें। यही पास मे ही लगभग 40 फीट ऊँची बेदी भी है जिस पर देवी सीता और भगवान राम ने पुजा अर्चना की। सीताकुंड धाम पर रामनवमी के दिन एक विशाल मेला लगता है। हजारों की संख्‍या में इस दिन लोग भगवान राम और सीता की पूजा अर्चना करने यहां आते है।

अरेराज संपादित करें

शहर से 28 किमी दूर दक्षिण-पश्चिम में अरेराज स्थित है। यहीं पर भगवान शिव का प्रसिद्व मंदिर सोमेश्‍वर शिव मंदिर है। श्रावणी मेला (जुलाई-अगस्‍त) के समय केवल मोतिहारी के आसपास से ही नहीं वरन नेपाल से भी हजारों की संख्‍या में भक्‍तगण भगवान शिव पर जल चढ़ाने यहां आते है।

लौरिया संपादित करें

यहा गांव अरेराज अनुमंडल से 2 किमी दूर बेतिया-अरेराज रोड पर स्‍िथत है। सम्राट अशोक ने 249 ईसापूर्व में यहां पर एक स्‍तम्‍भ का निर्माण कराया था। इस स्‍तम्‍भ पर सम्राट अशोक ने धर्म लेख खुदवाया था। माना जाता है कि 36 फीट ऊंचे व 41.8 इंच आधार वाले इस स्‍तम्‍भ का वजन 40 टन है। सम्राट अशोक ने इस स्‍तम्‍भ के अग्र भाग पर सिंह की मूर्ति लगवाई थी लेकिन बाद में पुरातत्‍व विभाग द्वारा सिंह की मूर्ति को कलकत्ता के म्‍यूजियम में भेज दिया गया।

केसरिया संपादित करें

मुजफ्फरपुर से 72 किमी तथा चकिया से 22 किमी दक्षिण-पश्चिम में यह स्‍थल स्थित है। भारत सरकार के पुरातत्‍व विभाग द्वारा 1998 ईसवी में खुदाई के दौरान यहां पर बौद्व स्‍तूप मिला था। माना जाता है कि यह स्‍तूप विश्‍व का सबसे बड़ा बौद्व स्‍तूप है। पुरातत्‍व विभाग के एक रिपोर्ट के मुताबिक जब भारत में बौद्व धर्म का प्रसार हुआ था तब केसरिया स्‍तूप की लंबाई 150 फीट थी तथा बोरोबोदूर स्‍तूप (जावा) की लंबाई 138 फीट थी। वर्तमान में केसरिया बौद्व स्‍तूप की लंबाई 104 फीट तथा बोरोबोदूर स्‍तूप की लंबाई 103 फीट है। वही विश्व धरोहर सूची में शामिल साँची स्‍तूप की ऊँचाई 77.50 फीट है। पुरातत्‍व विभाग के आकलन के अनुसार इस स्‍तूप का निर्माण लिच्‍छवी वंश के राजा द्वारा बुद्व के निर्वाण प्राप्‍त होने से पहले किया गया था। कहा जाता है कि चौथी शताब्‍दी में चीनी तीर्थयात्री ह्वेनसांग ने भी इस जगह का भ्रमण किया था।

गांधी स्मारक स्‍तम्‍भ संपादित करें

भारत में अपने राजनीतिक आंदोलन की शुरुआत गांधीजी ने चम्‍पारण से ही शुरु की थी। अंग्रेज जमींदारों द्वारा जबरन नील की खेती कराने का सर्वप्रथम विरोध महात्‍मा गांधी के नेतृत्‍व में यहां के स्‍थानीय लोगों द्वारा किया गया था। इस कारण्‍ा से गांधीजी पर घारा 144 (सीआरपीसी) का उल्‍लंघन करने का मुकदमा यहां के स्‍थानीय कोर्ट में दर्ज हुआ था। जिस जगह पर उन्‍हें न्यायालय में पेश किया गया था वही पर उनकी याद में 48 फीट लंबे उनकी प्रतिमा का निर्माण किया गया। इसका डिजाइन शांति निकेतन के प्रसिद्व मूर्तिकार नंदलाल बोस ने तैयार की थी। इस प्रतिमा का उदघाटन 18 अप्रैल 1978 को विधाधर कवि द्वारा किया गया था।

मेहसी संपादित करें

शहर से 48 किमी पूरब में यह जगह मुजफ्फरपुर-मोतिहारी मार्ग पर स्थित है। यह अपने शिल्‍प-बटन उघोग के लिए पूरे भारत में ही नहीं वरन् विश्‍व स्‍तर पर प्रसिद्ध हो चुका है। इस उघोग की शुरुआत करने का श्रेय यहां के स्‍थानीय निवासी भुवन लाल को जाता है। सर्वप्रथम 1905 ईसवी में उसने सिकहरना नदी से प्राप्‍त शंख-सिप से बटन बनाने का प्रयास किया था। लेकिन बेहतर तरीके से तैयार न होने के कारण यह नहीं बिक पाया। 1908 ईसवी में जापान से 1000 रुपए में मशीन मंगाकर तिरहुत मून बटन फैक्‍ट्री की स्‍थापना की गई और फिर बडे पैमाने पर इस उघोग का परिचालन शुरु किया गया। धीरे-धीरे बटन निर्माण की प्रक्रिया ने एक उघोग का रूप अपना लिया और उस समय लगभग 160 बटन फैक्‍ट्री मेहसी प्रखंड के 13 पंचायतों चल रहा था। लेकिन वर्तमान में यह उधोग सरकार से सहयोग नहीं मिल पाने के कारण बेहतर स्‍ि‍थति में नहीं है

ढ़ाका संपादित करें

मोतिहारी शहर से 21 किलोमीटर पूरब में अवस्थित ढ़ाका एक ऐतिहासिक शहर है। जो नेपाल के सीमा पर अवस्थित है। ढाका से नेपाल की दूरी लगभग 25 किलोमीटर के आसपास है। 

इसके अलावा पर्यटक चंडीस्‍थान (गोविन्‍दगंज), हुसैनी, रक्‍सौल जैसे जगह की भी सैर कर सकते है।

आवागमन संपादित करें

वायु मार्ग

राजधानी पटना में स्थित जयप्रकाश नारायण हवाई अड्डा यहां का नजदीकी एअरपोर्ट है।

रेल मार्ग

मोतिहारी रेलवे स्‍टेशन से देश के लगभग सभी महत्‍वपूर्ण जगहों के लिए ट्रेन सेवा उपलब्‍ध है।

सडक मार्ग

यह राष्ट्रीय रागमार्ग 28 द्वारा जुडा हुआ है। यहां से राजधानी पटना के लिए हरेक आधे घंटे पर बस उपलब्‍ध है।

महत्वपुर्ण व्यक्तित्व संपादित करें

 
जॉर्ज ऑरवेल
 
रमेश चन्द्र झा
  • अंग्रेजी लेखक जॉर्ज ऑरवेल - एनिमल फार्म और नाइंटीन एटीफोर जैसी कृतियों के रचयिता जार्ज़ ऑरवेल का जन्म सन 1903 में मोतिहारी में हुआ था। उनके पिता रिचर्ड वॉल्मेस्ले ब्लेयर बिहार में अफीम की खेती से संबंधित विभाग में उच्च अधिकारी थे। जब ऑरवेल महज एक वर्ष के थे, तभी अपनी मॉ और बहन के साथ वापस इंग्लैण्ड चले गए थे। मोतिहारी शहर से ऑरवेल के जीवन से जुडे तारों के बारे में हाल तक लोगबाग अनभिज्ञ थे। वर्ष 2003 में ऑरवेल के जीवन में इस शहर की भूमिका तब जगजाहिर हुई जब देशी-विदेशी पत्रकारों का एक जत्था जॉर्ज ऑरवेल की जन्मशताब्दी के अवसर पर यहॉ पहुंचा। स्थानीय प्रशासन अब यहां जॉर्ज ऑरवेल के जीवन पर एक संग्रहालय के निर्माण की योजना बना रहा है।
  • प्रसिद्ध स्वतंत्रता सेनानी, कवि-कथाकार - रमेश चन्द्र झा, जिन्होंने न सिर्फ़ 1942 के भारत छोड़ो आन्दोलन में चंपारन, बिहार से अग्रणी भूमिका निभाई बल्कि देशभक्ति और राष्ट्रीयता से ओत-प्रोत अमर साहित्य की रचना भी की. चंपारन और यहाँ के साहित्यकारों का सबसे प्रामाणिक और विस्तृत इतिहास भी रमेश चंद्र झा ने की कलमबद्ध किया है. आउटलुक ने एक लेख प्रकाशित करते हुए बताया है कि - "रमेशचंद्र झा अपनी पारिवारिक पृष्ठभूमि और पिता लक्ष्मीनारायण झा से प्रभावित होकर बचपन में ही बागी बन गए थे। उनके पिता को महात्मा गांधी की चंपारण यात्रा के पहले ही दिन गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया था और 6 महीने की सश्रम सजा हुई थी। महज 14 साल की उम्र में भारत छोड़ो आंदोलन के वक्त रमेशचंद्र झा पर ब्रिटिश पुलिस चौकी पर हमले और उनके हथियार लूटने का संगीन आरोप लगा।" [6]
  • रवीश कुमार - टीवी एंकर और पत्रकार, एनडीटीवी दिल्ली।
  • सकीबुल गनी- अपने प्रथम श्रेणी पदार्पण पर तिहरा शतक बनाने वाले दुनिया के पहले क्रिकेटर हैं।
  • संजीव के झा- एक फिल्म निर्माता और पटकथा लेखक हैं, जो वर्तमान में मुंबई में रहते हैं, जिन्होंने कई लोकप्रिय टीवी शो और फिल्में लिखी हैं। जबरिया जोड़ी, बरोट हाउस और सुमी (फिल्म) उनकी उल्लेखनीय कृतियाँ हैं। साथ ही मोतिहारी के पहले लेखक जिनकी लिखी फिल्म सुमी को तीन राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार मिले।
  • रक्षा गुप्ता- कई उल्लेखनीय भोजपुरी फिल्मों ठीक है, कमांडो अर्जुन,[7][8][9] राउडी इंस्पेक्टर (2022 फिल्म), डोली सजा के रखना (2022 फिल्म), शंखनाद में अभिनेत्री हैं।[10][11][12]

सन्दर्भ संपादित करें

  1. "संग्रहीत प्रति". मूल से 19 मार्च 2018 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 22 नवंबर 2019.
  2. "52nd REPORT OF THE COMMISSIONER FOR LINGUISTIC MINORITIES IN INDIA" (PDF). nclm.nic.in. Ministry of Minority Affairs. मूल (PDF) से 25 May 2017 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 23 March 2019.
  3. Mandal, R. B. (2010). Wetlands Management in North Bihar. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 9788180697074.
  4. "Falling Rain Genomics, Inc - Motihari". मूल से 18 मई 2013 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 12 मई 2009.
  5. "Census of India 2001: Data from the 2001 Census, including cities, villages and towns (Provisional)". Census Commission of India. मूल से 16 June 2004 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 1 November 2008.
  6. "आजादी हीरक जयंती/भूले-बिसरे सेनानीः आजादी के गुमनाम सुराजी". https://www.outlookhindi.com/ (अंग्रेज़ी में). अभिगमन तिथि 2022-08-25. |website= में बाहरी कड़ी (मदद)
  7. "Pradeep Pandey, Kajal Raghwani and Raksha Gupta starrer 'Commando Arjun' trailer is out!".
  8. "Bhojpuri Actress रक्षा गुप्ता तीसरी ही फिल्म में दिखीं बोल्ड, रियल लाइफ में अदाएं देख उड़ जाएंगे होश! Photos".
  9. "पर्दे पर बोल्ड सीन देकर भोजपुरी एक्ट्रेस Raksha Gupta ने मचाई हलचल, ऐसा था फैमिली रिएक्शन".
  10. "Raksha Gupta distributes food to the needy on her birthday".
  11. "Yash Kumar and Raksha Gupta begins shooting for 'Shankhnaad'".
  12. "Pawan Singh से पंगा करने के बाद 'राउडी इंस्पेक्टर' बनकर आए Khesari Lal Yadav, ट्रेलर हुआ हिट". Aaj Tak. 2022-05-06. अभिगमन तिथि 2022-10-12.

बाहरी कड़ियाँ संपादित करें

  • मोतिहारी - महात्‍मा गांधी ने तो अपने राजनीतिक आंदोलन की शुरुआत यही से की थी (यात्रा सलाह)

<a href="https://www.modelpaper.co.in/2022/08/mp-board-12th-blueprint-2023-mpbse-12th.html?m=1">MP Archived 2022-12-23 at the वेबैक मशीन Board 12th Blueprint 2023 pdf </a>
<a href="https://www.modelpaper.co.in/2022/08/mp-board-12th-blueprint-2023-mpbse-12th.html?m=1">MP Archived 2022-12-23 at the वेबैक मशीन Board Blueprint 2023 Class 12th pdf Download</a>

<a href="https://www.modelpaper.co.in/2020/06/bihar-board-12th-model-paper-2021bihar.html?m=1">Bihar Archived 2022-12-23 at the वेबैक मशीन Board 12th Model Paper 2023 pdf Download</a>
<a href="https://www.modelpaper.co.in/2020/06/bihar-board-12th-model-paper-2021bihar.html?m=1">Bihar Archived 2022-12-23 at the वेबैक मशीन Board 12th Question Paper 2023</a>