म्यान्मा की संस्कृति पर बौद्ध धर्म तथा मोन लोगों का बहुत प्रभाव पड़ा है। म्यान्मा की संस्कृति पर भारत,[1][2] [3]थाइलैण्ड और चीन आदि पड़ोसी देशों का भी बहुत प्रभाव पड़ा है।

पुगं (या बुगं) में लाख से बनी कुछ वस्तुएँ
यंगून में श्वेदागोन पगोडा में प्राथना करते हुए लोग

आधुनिक युग में ब्रिटेन ने बर्मा को अपना उपनिवेश बनाकर इस पर शासन किया, अतः पश्चिमी सभ्यता का भी इस पर प्रभाव पड़ा है।

सन्दर्भ संपादित करें

  1. "". BBC. 28 May 2012. Archived 2016-12-11 at the वेबैक मशीन
  2. Connor, JP (1925). "The Ramayana in Burma". Journal of the Burma Research Society 1 (XV).
  3. Toru, O. (1993). The Burmese Versions of the Rama Story and Their Peculiarities. Tradition and Modernity in Myanmar: Proceedings of an International Conference Held in Berlin from May 7th to May 9th, 1993.]

इन्हें भी देखें संपादित करें