योगचूडामण्युपनिषद (योगचूडामणि उपनिषद) सामवेदीय शाखा के अन्तर्गत एक उपनिषद है। यह नाथ परम्परा से सम्बन्धित है। इसमें अनेक श्लोक ऐसे हैं जो 'गोरक्ष शतक' से बहुत कुछ मेल खाते हैं।[1]

योगचूडाण्युपनिषद  
लेखक वेदव्यास
चित्र रचनाकार अन्य पौराणिक ऋषि
देश भारत
भाषा संस्कृत
श्रृंखला सामवेदिय उपनिषद
विषय ज्ञान योग, द्वैत अद्वैत सिद्धान्त
प्रकार हिन्दू धार्मिक ग्रन्थ

इस उपनिषद में कुण्डलिनी योग की चर्चा की गयी है। चार वेदों के २० योग उपनिषद हैं, जिनमें से योगचूडामणि उपनिषद एक है।

सन्दर्भ संपादित करें

  1. "Yoga Cudamani Upanishad (Sanskrit text with English Translation)". मूल से 14 जून 2015 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 12 जून 2015.

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मूल ग्रन्थ संपादित करें

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