वैदिक कथनों में चौरासी लाख योनियों का रूप सृष्टि में बताया गया है। इन चौरासी लाख योनियों का विभाजन तीन प्रकार से मिलता है। अंडज जो अंडे से पैदा होते हैं। पिंडज जो शरीर से पैदा होते है। स्वेदज जो पसीने से पैदा होते है। लेकिन इन सभी के पीछे यौनि का भाव केवल इसलिये लिया गया है कि प्रत्येक प्राणी का जन्म योनि (स्त्री के जननांग) से होता है।