रक्तिम ल्यूपस (Lupus erythematosus) प्रतिरक्षा प्रणाली की समस्या से सम्बन्धित कई रोगों का सामूहिक नाम है। ये रोग या इसके लक्षण जोड़ों, त्वचा, वृक्क, रक्त कोशों, हृदय, फेफड़ों आदि विभिन्न प्रणालियों को प्रभावित कर सकते हैं।

चार मुख्य प्रकार के ल्यूपस ये हैं:

  • systemic lupus erythematosus,
  • discoid lupus erythematosus,
  • drug-induced lupus erythematosus, तथा
  • neonatal lupus erythematosus

इनमें से प्रणालीगत रक्तिम ल्यूपस (SLE) सबसे अधिक होता है और सर्वाधिक गंभीर भी है।

वस्तुतः ल्यूपस एक आटो-इम्युन रोग (autoimmune disease) है जिसके होने पर शरीर की रक्षा प्रणाली अति-सक्रिय हो जाती है और सामान्य, स्वस्थ ऊतकों पर हमला करती है। जब शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली ठीक से काम कर रही होती है तब वह विषाणु, बैक्टिरिया एवं अन्य रोगाणुओं से लड़ने के लिये एंटीबॉडी बनाती है। ल्यूपस रोग की स्थिति में ये एण्टीबाडी रोगाणुओं एवं स्वस्थ ऊतकों में विभेद नहीं कर पाते और स्वस्थ ऊतकों पर भी हमला करना शुरू कर देते हैं। इसके परिणामस्वरूप जलन, सूजन, जोड़ों, त्वचा, हृदय, रक्त, फेफड़ों आदि को नुकसान आदि लक्षण प्रकट होते हैम्।

बाहरी कड़ियाँ

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