रणजंग पांंडे (नेपाली: रणजङ्ग पाँडे) नेपाल के प्रधानमंत्री (मुख्तियार) थे और पाँडे वंश के मुखिया थे । वे मूलकाजी दामोदर पांडे के पुत्र थे ।[1][2] वे गोरखा के एक प्रमुख प्रधान (काजी) वंशीधर "कालु" पांडे के नाति थे ।

श्री मुख्तियार काजी साहेब

रणजंग पाँडे

रणजंग पांडे

श्री नेपालके मुख्तियार रणजङ्ग पाँडे


पूर्व अधिकारी भीमसेन थापा
उत्तराधिकारी पण्डित रंगनाथ पौड्याल
कार्यकाल
१८३७(1837) A.D – १८३७(1837) A.D
कार्यकाल
१८३९(1839) A.D – १८४०(1840) A.D
पूर्व अधिकारी चौतारिया पुष्कर शाह
उत्तराधिकारी पण्डित रंगनाथ पौड्याल

जन्म १७८९(1789) ईश्वी सन्
Kathmandu(काठमांडू)
मृत्यु १८ अप्रैल १८४३(18-1843) ईश्वी
काठमांडू
राष्ट्रीयता नेपाली
संतान बदरजंग, टेकजंग, समरजंग, शमशेरजंग
धर्म Hinduism

जन्म और परिवार

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उनका जन्म सन् १७८९ में गोरखाली सेनापति दामोदर पांडे के पुत्र के रूपमें हुआ । सन् १८०४ में पिता दामोदर और उनके दो ज्येष्ठ निर्दोष भाइयों को राजद्रोह के मुद्दा में राजा रणबहादुर शाह ने मृत्युदंड दिया था । रणजंग और करवीर पांडे उस घटना से भारत में पलायन हो गए ।[3][4]

रणजंग पाँडे ने भीमसेन थापाको अपने पिता की मृत्युदंड का दोषी ठहराया और उनसे बदला लेने का प्रण लिया ।[5]

मुख्तियारी

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सन् १८९४ में थापा वंशकी पतन होने से पण्डित रंगनाथ पौड्यालको सामान्य प्रशासन प्रमुख और रणजंग एवं दलभञ्जन पांडे को सैनिक प्रशासन प्रमुख बनाकर मुख्तियारी दिइ गयी थी ।[6]

  1. "Internal Server Error 500". sanjaal.com. मूल से 2014-02-21 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि Sep 11, 2017.
  2. "Prime Ministers of Nepal". We All Nepali. मूल से 11 अप्रैल 2019 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि Sep 11, 2017.
  3. Acharya 2012, पृ॰ 54.
  4. Nepal 2007, पृ॰ 57.
  5. Acharya 2012, पृ॰ 155.
  6. Nepal 2007, पृ॰ 106.

ग्रन्थ सूची

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