रफ़ीक़ शादानी एक भारतीय कवि थे जो अवधी, हिन्दीउर्दु भाषाओं में लिखते थे। वे अपने व्यंग्य और कटूपहास के लिये जाने जाते हैं। मध्य उत्तर प्रदेश की लोक-बोली का प्रयोग करने वाले रफ़ीक़ शादानी अपने राजनैतिक व्यंगय के लिये भी जाने जाते हैं।[1][2] उन्होने व्यंग्य की १३ पुस्तकें लिखी।[3]

रफ़ीक़ शादानी
पेशा कवि Edit this on Wikidata

रफ़ीक़ शादानी का परिवार उत्तर प्रदेश के फैज़ाबाद ज़िले के मुमताज़नगर गाँव से था, लेकिन उनके पिता, इमामुद्दीन बर्मा में तम्बाकू, तेल व इत्र के व्यापारी थे। मार्च १९३४ में रफ़ीक़ शादानी का जन्म बर्मा में ही हुआ। १९६२ के बाद उन्होने अपनी व्यंग्य शायरी मुशायरों में पढ़नी आरम्भ करी। बहराइच में हुई वाहन दुर्घटना में ९ फ़रवरी २०१० में उनक देहांत हो गया।[4]

बाहरी कड़ीयाँ

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  • उल्लु हो, यू-ट्यूब पर रफ़ीक़ शादानी एक मुशायरे में (अवधी-हिन्दी में)
  • कुपंथी औलाद, यू-ट्यूब पर रफ़ीक़ शादानी एक और रचना पढ़ते हुए (अवधी-हिन्दी में)