राजस्व आसूचना निदेशालय

राजस्व आसूचना निदेशालय या राजस्व खुफिया निदेशालय (डीआरआई), एक भारतीय खुफिया एजेंसी है। यह भारत की प्रमुख तस्करी विरोधी खुफिया, जांच और संचालन एजेंसी है।

राजस्व आसूचना निदेशालय
प्रचलित नाम डीआरआई
[[Image:चित्र:Directorate of Revenue Intelligence Logo.svg |center |250x250px]]
चिह्न of the राजस्व आसूचना निदेशालय.
संस्था जानकारी
वैधानिक वयक्तित्व सरकारी : सरकारी संस्था
अधिकार क्षेत्र
संघीय संस्था भारत
शासी निकाय भारत सरकार
सामान्य प्रकृति
प्रचालन ढांचा
मुख्यालय नई दिल्ली, भारत
संस्था कार्यपालक देबी प्रसाद दाश, आईआरएस, महानिदेशक
मातृ संस्था केंद्रीय उत्पाद एवं सीमा शुल्क बोर्ड (पूर्ववर्ती केंद्रीय उत्पाद एवं सीमा शुल्क बोर्ड)
जालस्थल
www.dri.nic.in

निदेशालय केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड (CBIC) के अधिकारियों द्वारा चलाया जाता है, जो इसकी विभिन्न जोनल इकाइयों के साथ-साथ विदेशों में भारतीय दूतावासों में सीमा शुल्क प्रवासी खुफिया नेटवर्क के हिस्से के रूप में तैनात रहते हैं। इसकी अध्यक्षता भारत सरकार के विशेष सचिव रैंक के महानिदेशक करते हैं।

डिआरआई आग्नेयास्त्रों, सोना, मादक पदार्थों, नकली भारतीय मुद्रा, प्राचीन वस्तुओं, वन्यजीवों और पर्यावरण उत्पादों जैसे निषिध्द की तस्करी को रोककर भारत की राष्ट्रीय और आर्थिक सुरक्षा को सुरक्षित करने का काम करता है। इसके अलावा, यह काले धन, वाणिज्यिक धोखाधड़ी और व्यापार आधारित काले धन के व्यापार के प्रसार को रोकने के लिए भी काम करता है।

डीआरआई 50 से अधिक अन्य क़ानूनों के अलावा सीमा शुल्क अधिनियम के प्रावधानों को लागू करता है, जिसमें एनडीपीएस अधिनियम, शस्त्र अधिनियम, डब्ल्यूएमडीपी आदि शामिल हैं। डीआरआई कैबिनेट सचिवालय के नेशनल अथॉरिटी केमिकल वेपन्स कन्वेंशन, काले धन पर विशेष जांच दल, शेल कंपनियों पर टास्क फोर्स, राष्ट्रीय सुरक्षा पर मल्टी एजेंसी सेंटर (MAC), गृह मंत्रालय/NIA के विशेष विंगों के साथ-साथ वामपंथी उग्रवाद वित्तपोशण, आतंकवाद वित्तपोषण, तटीय सुरक्षा, नकली भारतीय मुद्रा आदि पर बने विभिन्न अंतर-मंत्रालयी समितियां का भी एक हिस्सा है।

हालाँकि अपने शुरुआती दिन यह सोने की तस्करी से निपटने के लिए प्रतिबद्ध थे, लेकिन अब यह नशीले पदार्थों और आर्थिक अपराधों पर भी लगाम लगाने का काम करता है।[1] डीआरआई नियमित रूप से नकली भारतीय मुद्रा नोट बरामदगी करता है। पिछले 5 वर्षों में डीआरआई ने 540 किलो हेरोइन और 7,409 किलो अन्य नशीले पदार्थों और मनोदैहिक पदार्थों के साथ एफ़ेड्रिन को जब्त किया है।[2]

डीआरआई एक प्रमुख खुफिया एजेंसी है जो ड्रग्स, सोना, हीरे, इलेक्ट्रॉनिक्स, विदेशी मुद्रा, और नकली भारतीय मुद्रा सहित वस्तुओं की तस्करी पर रोक लगाने में सक्षम है। राजस्व खुफिया निदेशालय, भारत सरकार के वित्त मंत्रालय, राजस्व विभाग में केंद्रीय अप्रत्यक्ष करों और सीमा शुल्क के तहत कार्य करता है। नई दिल्ली में महानिदेशक (चीफ कमिश्नर रैंक) द्वारा संचालित, यह सात ज़ोन में विभाजित है, प्रत्येक ज़ोन का प्रभार एक अतिरिक्त महानिदेशक (कमिश्नर रैंक) को दिया जाता है। इसे आगे अतिरिक्त निदेशकों, संयुक्त निदेशकों, उप निदेशकों, सहायक निदेशकों, वरिष्ठ खुफिया अधिकारियों और खुफिया अधिकारियों के पूरक के साथ क्षेत्रीय इकाइयों, उप-क्षेत्रीय इकाइयों और खुफिया प्रकोष्ठों में उप-विभाजित किया गया है।

  • महानिदेशक (मुख्य आयुक्त)
  • अपर महानिदेशक (आयुक्त)
  • अपर निर्देशक (अपर आयुक्त)
  • संयुक्त निदेशक (संयुक्त आयुक्त)
  • उप निदेशक (उपायुक्त)
  • सहा. निर्देशक (अपर आयुक्त)
  • सीनियर खुफिया अधिकारी (सीमा शुल्क और केंद्रीय उत्पाद शुल्क / सीमा शुल्क के अधिकारी)
  • खुफिया अधिकारी (निरीक्षक / परीक्षक / सीमा शुल्क और केंद्रीय उत्पाद शुल्क के निवारक अधिकारी)
  • तृतीय श्रेणी और चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी (मंत्रिस्तरीय और कांस्टेबल)
  • डीआरआई के अधिकारी भारतीय सीमा शुल्क और केंद्रीय उत्पाद शुल्क विभाग के अधिकारी हैं और प्रतिनियुक्ति पर अधिकारी और भारतीय कॉर्पोरेट कानून सेवा के अधिकारी हैं ।

चलचित्रों में

संपादित करें

डैनी डेन्जोंगपा ने 16 दिसंबर फ़िल्म में राजस्व खुफिया प्रमुख के निदेशक की भूमिका निभाई थी।

सोनी चैनल पर पाउडर नाम का टीवी धारावाहिक प्रसारित होता था, जो डीआरआई पर आधारित था इसका निर्माणयशराज पिक्चर्स कने किया था।

इन्हें भी देखें

संपादित करें
  1. Vyas, Sharad. "DRI unearths Rs. 2,240 cr. banking-hawala scam". The Hindu (अंग्रेज़ी में). अभिगमन तिथि 2017-03-09.
  2. "संग्रहीत प्रति". मूल से 18 जून 2018 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 23 अक्तूबर 2019.

बाहरी कड़ियाँ

संपादित करें