राज़क
राज़क या हॉप (Hop) या ह्युमुलस (Humulus) पृथ्वी के उत्तरी गोलार्ध (हेमिस्फ़ेयर) के समशीतोष्ण (टेम्परेट) इलाक़ों में उगने वाला एक फूलदार पौधा है। यह 'कैनाबेसीए' (Cannabaceae) जीववैज्ञानिक कुल का एक सदस्य है, जिसमें भांग और खरक भी शामिल हैं। राज़क की ह्युमुलस लुप्युलस जाति के शंकुनुमा मादा फूलों को उनके स्वाद और गंध के लिए प्रयोग किया जाता है, विशेषकर बियर (शराब) बनाने के लिए।[1]
राज़क (हॉप) | |
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ह्युमुलस लुप्युलस की एक लता | |
वैज्ञानिक वर्गीकरण | |
जगत: | पादप |
अश्रेणीत: | सपुष्पक पौधा |
अश्रेणीत: | युडिकॉट |
अश्रेणीत: | रोज़िड |
गण: | लामेयालेज़ |
कुल: | कैनाबेसीए |
वंश: | ह्युमुलस (Humulus) L. |
जातियाँ | |
Humulus lupulus |
विवरण
संपादित करेंराज़क एक लता के रूप में उगता है और इसकी मोटी टहनियों के सख़्त बाल इसे दीवार और अन्य वस्तुओं पर चढ़ने में मदद करते हैं। इसकी ऊपरी लताएँ सर्दियों में सूखकर मर जाती हैं और बसंत में यह फिर नई हरी लताएँ उगाता है जो पास की हर वस्तु पर लिपट-लिपटकर ऊपर की ओर उगती हैं। अगर इसे सहारा मिले तो यह २ मीटर से १५ मीटर तक की ऊँचाई तक उग सकती है। इसके पत्ते लम्बे और चौड़े होते हैं और उनका आकार लगभग पान के पत्ते जैसा लगता है, हालांकि उनके किनारे सीधे होने की बजाए वज्रनुमा होते हैं। राज़क का एक पौधा या तो नर होता है या मादा। मादा पौधे के फूलों का प्रयोग बियर बनाने में लिया जाता है। बीज पैदा करने के लिए नर फूलों से मादा फूलों तक पराग का पहुँचना ज़रूरी होता है। बियर बनाने के लिए मादा पौधों को नर पौधों से दूर रखा जाता है क्योंकि बीज बनने से मादा फूलों का स्वाद बदल जाता है। पारंपरिक रूप से इस पौधा का प्रयोग औषधियों में भी किया जाता है।[1]
इन्हें भी देखें
संपादित करेंसन्दर्भ
संपादित करें- ↑ अ आ Medicinal and Aromatic Plants of Himachal Pradesh, Narain Singh Chauhan, pp. 230, Indus Publishing, 1999, ISBN 978-81-7387-098-9, ... Female cones are used as flavoring agent and in the preservation of beverages ... tonic, stomachic and diuretic ...