ज्वालाप्रसाद ( १८७२ - १६ सितंबर १९४४) भारत के प्रसिद्ध सिविल इंजीनियर, व काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के उपकुलपति (वाईस चांसलर) थे। ज्वाला प्रसाद की पौत्रवधू रूचि वीरा सदर से विधायक व इनके पौत्र कुंवर उदयन वीरा सपा नेता हैं।

जीवन संपादित करें

ज्वालाप्रसाद का जन्म उत्तर प्रदेश के बिजनौर जिले के मंडवार कस्बे में हुआ था। टॉमसन सिविल इंजीनियरिंग कॉलेज (वर्तमान आईआईटी रुड़की), रुड़की, से इन्होंने इंजीनियरी की शिक्षा ग्रहण की। इसके बाद सिंचाई विभाग उत्तर प्रदेश में मुख्य अभियंता का पदभार संभाला। अंग्रेजी हुकूमत ने इन्हें सम्मान देते हुए राजा की उपाधि प्रदान की। 1930 में सरकारी सेवा से सेवानिवृत्त होने के बाद वह काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के वाइस चांसलर बने। 16 सितम्बर 1944 को इनका देहान्त हो गया।

बीएचयू की बिल्डिंग का नक्शा इन्हीं के द्वारा बनाया गया और इनकी ही देखरेख में इसका निर्माण कार्य भी हुआ। इन्होंने चंदा एकत्र करने में मदन मोहन मालवीय की काफी सहायता की। [1]

सन्दर्भ संपादित करें

इन्हें भी देखें संपादित करें