रिक्टर पैमाना
इस लेख में सन्दर्भ या स्रोत नहीं दिया गया है। कृपया विश्वसनीय सन्दर्भ या स्रोत जोड़कर इस लेख में सुधार करें। स्रोतहीन सामग्री ज्ञानकोश के लिए उपयुक्त नहीं है। इसे हटाया जा सकता है। (जनवरी 2015) स्रोत खोजें: "रिक्टर पैमाना" – समाचार · अखबार पुरालेख · किताबें · विद्वान · जेस्टोर (JSTOR) |
रिक्टर पैमाना भूकंप की तरंगों की तीव्रता मापने का एक गणितीय पैमाना है। किसी भूकम्प के समय भूमि के कम्पन के अधिकतम आयाम और किसी यादृच्छ (आर्बिट्रेरी) छोटे आयाम के अनुपात के साधारण लघुगणक को 'रिक्टर पैमाना' कहते हैं। रिक्टर पैमाने का विकास १९३० के दशक में किया गया था। १९७० के बाद से भूकम्प की तीव्रता के मापन के लिये रिक्टर पैमाने के स्थान पर 'आघूर्ण परिमाण पैमाना' (Moment Magnitude Scale, MMS) का उपयोग किया जाने लगा।
'रिक्तर पैमाने' का पूरा नाम रिक्टर परिमाण परीक्षण पैमाना (रिक्टर मैग्नीट्यूड टेस्ट स्केल) है और लघु रूप में इसे स्थानिक परिमाण (लोकल मैग्नीट्यूड) () लिखते हैं।
परिचय
इस पैमाने पर भूकंप से निकली हुई भूगर्भीय ऊर्जा की मात्रा के मापन हेतु एक संख्या से दर्शाया जाता है। यह आधार-दस का लघुगणक आधारित पैमाना होता है, जो वुड-एंडर्सन टॉर्ज़न भूकम्पमापी के आउटपुट के सर्वाधिक विस्थापन का संयुक्त क्षैतिज आयाम (एम्प्लिट्यूड) का लघुगणक निकालने पर मिलता है।
- ,
उदाहरण के लिए रिक्टर पैमाने पर मापे गये ५.० तीव्रता के एक भूकम्प का कंपन आयाम उसी पैमाने पर आंके गये ४.० तीव्रता के भूकंप के आयाम का दस गुणा अधिक होगा। स्थानिक परिमाण यानि लोकल मैग्नीट्यूड ( ) की प्रभावी मापन सीमा लगभग ६.८ होती है। भूकंप की तरंगों को रिक्टर स्केल १ से ९ तक के अपने मापक पैमाने के आधार पर मापता है। भूकंप द्वारा उत्सर्जित ऊर्जा, जो उसके द्वारा किये गये विध्वंस से सीधे संबंधित होती है, कंपन आयाम की ३⁄२ पावर के अनुपात में होती है। अतः परिमाण में १.० का अंतर ३१.६ ( ) गुणा उत्सर्जित ऊर्जा के सदृश होता है। इसी प्रकार परिमाण में २.० का अंतर १००० ( ) उत्सर्जित ऊर्जा के समान होता है।[1]
अभी तक भूकंप की तीव्रता की अधिकतम सीमा तय नहीं की गई है। रिक्टर स्केल पर ७.० या उससे अधिक की तीव्रता वाले भूकंप को सामान्य से कहीं अधिक खतरनाक माना जाता है। इसी पैमाने पर २.० या इससे कम तीव्रता वाला भूकंप सूक्ष्म भूकंप कहलाता हैं, जो सामान्यतः महसूस नहीं होते। ४.५ की तीव्रता वाले भूकंप घरों और अन्य रचनाओं को क्षतिग्रस्त कर सकते हैं। रिक्टर पैमाने का विकास १९३५ में कैलिफोर्निया इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी के चार्ल्स रिक्टर ेऔर बेनो गुटेनबर्ग ने मिलकर किया था। अब तक का सबसे बड़ा भूकंप २२ मई १९६० को ग्रेट चिली में आया था। इसकी रिक्टर पैमाने पर तीव्रता ९.५ दर्ज की गई थी। २१ सितंबर, २००९ को हिमालय क्षेत्र में आए भूकंप की रिक्टर पैमाने पर तीव्रता ६.३ मापी गई। इस भूकंप का केंद्र गुवाहाटी से उत्तर दिशा में १२५ किलोमीटर दूर मोगार में जमीन के भीतर ७.२ किलोमीटर पर केंद्रित था। हैती में १२ जनवरी, २०१० को आए भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर ७.८ मापी गई थी।[2]
रिक्टर परिमाण
निम्न सारणी विभिन्न परिमाणों के भूकंपों का केन्द्र (एपिसेंटर) के निकट प्रभाव को दर्शाती है। इस सारणी की सूचना में तीव्रता और उससे प्रभावित भूमि पर प्रभाव केवल परिमाण पर ही नहीं, वरन केन्द्र से दूरी, केन्द्र के नीचे भूकंप-बिन्दु की गहरायी एवं भूगर्भीय स्थिति (कई भूगर्भीय क्षेत्र भूकम्पीय तरंग संकेतों को बढ़ा भी सकते हैं) पर भी निर्भर करते हैं।
रिक्टर परिमाण | वर्णन | भूकंप प्रभाव | होने की पुनरावृत्ति |
---|---|---|---|
२.० से कम | माइक्रो (सूक्ष्म) | माइक्रोअर्थक्वेक्स, महसूस नहीं होते | लगभग ८,००० प्रतिदिन |
२.०-२.९ | माइनर (छोटे) | प्रायं महसूस नहीं, किन्तु दर्ज | लगभग १,००० प्रतिदिन |
३.० – ३.९ | प्रायः महसूस होते हैं, किन्तु क्षति नहीं | ४९,००० प्रति वर्ष (अनु.) | |
४.० – ४.९ | हल्के | घरेलु वस्तुओं में कंपन, कंपकपाने का शोर, कुछ क्षति संभव | ६,२०० प्रति वर्ष (अनु.) |
५.० – ५.९ | मध्यम | छोटे क्षेत्रों में बनी कच्ची इमारतों को क्षति संभव। अच्छी इमारतों में हल्की क्षति संभव | ८०० प्रति वर्ष |
६.० – ६.९ | शक्तिशाली | १६० कि.मी (१०० मील) तक के व्यास के आबादी वाले क्षेत्रों में विध्वंसकारी हो सकते हैं। | १२० प्रति वर्ष |
७.० – ७.९ | बड़े | बड़े क्षेत्रों में प्रभावी क्षति और विध्वंस संभव | १८ प्रति वर्ष |
८.० – ८.९ | महान | कई सौ मील के क्षेत्र में ध्वंसकारी | १ प्रति वर्ष |
९.० – ९.९ | कई सहस्रों मील तक ध्वंसकारी |
बीस वर्षों में एक | |
१०.०+ | कथाजनक | कभी दर्ज नहीं; |
अत्यधिक विरल (अज्ञात) |
(संयुक्त राज्य भूगर्भ सर्वेक्षण अभिलेखों पर आधारित)[3]
महान भूकंप औसतन प्रतिवर्ष एक बार आते हैं। सर्वाधिक तीव्रता वाले दर्ज भूकंप २२ मई, १९६० में ग्रेट चिली में दर्ज तीव्रता (MW) ९.५ थी।[4]
इन्हें भी देखें
सन्दर्भ
- ↑ "यू.एस.जी.एस:द रिक्टर मैग्नीट्यूड स्केल". मूल से 7 अक्तूबर 2009 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 23 सितंबर 2009.
- ↑ रिक्टर स्केल [मृत कड़ियाँ]। हिन्दुस्तान लाइव। १५ जनवरी २०१०
- ↑ "यूएसजीएस:एफ़.ए.क्यू- भूकंप मापन". मूल से 15 जून 2006 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 23 सितंबर 2009.
- ↑ "यूएसजीएस: लिस्ट ऑफ वर्ल्ड्स लार्जेस्ट अर्थक्वेक्स". मूल से 7 अक्तूबर 2009 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 23 सितंबर 2009.