रेवाड़ी
रेवाड़ी (Rewari) भारत के हरियाणा राज्य के रेवाड़ी ज़िले में स्थित एक नगर है। यह ज़िले का मुख्यालय भी है।[1][2]
रेवाड़ी Rewari | |
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रेवाड़ी नगर हॉल | |
निर्देशांक: 28°11′N 76°37′E / 28.18°N 76.62°Eनिर्देशांक: 28°11′N 76°37′E / 28.18°N 76.62°E | |
देश | भारत |
राज्य | हरियाणा |
ज़िला | रेवाड़ी ज़िला |
ऊँचाई | 245 मी (804 फीट) |
जनसंख्या (2011) | |
• कुल | 1,43,021 |
भाषा | |
• प्रचलित | हरियाणवी, पंजाबी, हिन्दी |
समय मण्डल | IST (यूटीसी+5:30) |
पिनकोड | 123401 |
दूरभाष कोड | 01274 |
वाहन पंजीकरण | HR-36 |
वेबसाइट | rewari |
रेवाड़ी के प्रसिद्ध लोग SRLOVE (Darkest Boyz) Musical Artist
नामोत्पत्ति और इतिहास
संपादित करेंरेवाड़ी अपने आप में बहु आयामी प्रतिभाओ, महान कलाकारों, कवियों, साहित्यकारों, शूरवीरो, धार्मिक स्थलों, शैक्षणिक प्रतिष्ठानों, प्रकृतिं सौंदर्य से ओतप्रोत दक्षिणी हरियाणा का एक ऎसा स्थान है जहाँ आकर मन को सुकून और पवित्रता का बोध होता है। प्राचीन भारत में महाभारत काल के दौरान, रेवत नामक एक अहीर राजा था जिसकी पुत्री का नाम रेवती था।उसे सब रेवा कहकर बुलाते थे और उसके नाम पर एक शहर 'रेवा वाडी' नामक एक शहर की स्थापना की थी। वाडी और वाडा का मतलब हिंदी में पड़ोस (छोटे और बड़े, क्रमशः) और कई अन्य भारतीय भाषाओं में है। जब रेवा ने श्री कृष्ण के बड़े भाई बलराम जी से शादी की, तब राजा ने अपनी बेटी को 'रेवा वाडी' दान दिया। समय के दौरान, 'रेवा वाडी' का नाम रेवाड़ी बन गया। मन्यता है कि बलराम भगवान की राजधानी और उनके बाद कृष्ण भगवान के प्रपौत्र महाराज बज्रभान नेे शासन को आगे बढ़ाया।
रेवाड़ी एक ऐतिहासिक शहर है। जो खाने के हिसाब से यहाँ की रेवड़ियाँ बहुत मशहूर हैं। यहाँ पर भारत की सबसे पहली गौशाला सन1878 में बनाई गई थी जो कि युधिष्ठिर द्वारा बनाई गई थी। यहां पे जाने माने कलाकार अक्षय कुमार जिनागल भी रहते हैं। लोकोमोटिव शेड भी है
इन्हें भी देखें
संपादित करेंसन्दर्भ
संपादित करें- ↑ "General Knowledge Haryana: Geography, History, Culture, Polity and Economy of Haryana," Team ARSu, 2018
- ↑ "Haryana: Past and Present Archived 2017-09-29 at the वेबैक मशीन," Suresh K Sharma, Mittal Publications, 2006, ISBN 9788183240468
- ↑ "Haryana (India, the land and the people), Suchbir Singh and D.C. Verma, National Book Trust, 2001, ISBN 9788123734859