लाय सरपाटिल
लाय सरपाटिल जिन्हें लाई पाटिल के नाम से भी जाना जाता है छत्रपति शिवाजी भोंसले के समय मराठा साम्राज्य के समूंद्री सेना से एक सैन्य टुकड़ी के नायक थे। उनका जन्म महाराष्ट्र के अलीबाग मे एक सोन कोली परिवार मे हुआ था जो कोलीयों का पारंपरिक मुखिया था एवं उनके बीच व्यवस्था बनाए रगते थे। शिवाजी महाराज ने सरपाटिल के सम्मान मे एक लड़ाकू जहाज बनवाया था जिसका नाम पालखी रखा गया।[1][2]
दरियासारंग दरियासारंग लाय राव सरपाटिल सरपाटिल | |
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नाम | लाई पाटिल |
जन्म | अलीबाग |
सेवा वर्ष | १० वर्ष |
उपाधि | बेड़े का प्रभारी |
युद्ध/झड़पें | जंजीरा द्वीप पर चढ़ाई |
सम्मान | सरपाटिल |
लाय सरपाटिल को पेशवा ने जंजीरा द्विप पर चढ़ाई करने के लिए मराठा समुद्री सेना मे सैन्य टुकड़ी का अध्यक्ष बनाया था जिसके बाद सरपाटिल ने दस वर्ष तक मराठा साम्राज्य मे सेवा की।[1][3]
इतिहास
संपादित करें१६७५ मे शिवाजी महाराज ने जंजीरा द्विप को मराठा साम्राज्य मे सामिल करना चहा जिसके लिए सरपाटिल को जंजीरा पर चदाई का आदेश मिला मराठा साम्राज्य के प्रधानमंत्री पेशवा मोरोपंत पिंगले ने योजना बनाई की लाय सरपाटिल के नेतृत्व मे मराठा समुद्री सेना जंजीरा पर चदाई के लिए रस्सीयां टांग देंगे और बाद मे पेशबा मराठा थल सेना लेकर जंजीरा पर आक्रमण कर देगा।[4][5]
योजना के अनुसार सरपाटिल ने आधी रात को जंजीरा के शिद्दीयों से बचते हुए जंजीरा द्विप के चारों ओर ५०० रस्से लटका दिये और हमला के लिए तैयार हो गए।[6] लेकिन पेशवा का कोई अता-पता नहीं था। सरपाटिल ने सुबह होने तक पेशवा और मराठा थल सेना का इंतजार किया लेकिन कोई नहीं आया और सरपाटिल भी जंजीरा पर आक्रमण नही कर सकता था क्योंकि मराठा समुद्री सेना काफी कम थी अगर युद्ध होता तो शिद्दी कुछ ही समय मे मराठाओं को हरा देते इसलिए सुबह सूरज उगने से पहले ही ५०० रस्से वापिस खिंचकर और हतास होकर वापस लोट गया।[4][2]
सरपाटिल के साहस और बहादुरी को देखते हुए शिवाजी ने लाय को रायगढ़ बुलाया और सरपाटिल की उपाधि से सम्मानित किया और सरपाटिल के लिए खास युद्ध जहाज़ बनवाया।[1][5][6]
संदर्भ
संपादित करें- ↑ अ आ इ "Marinal powers of india".
- ↑ अ आ Deopujari, Murlidhar Balkrishna (1973). Shivaji and the Maratha Art of War (अंग्रेज़ी में). Vidarbha Samshodhan Mandal. मूल से 1 अगस्त 2018 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 21 अप्रैल 2020.
- ↑ Shivaji the Great (अंग्रेज़ी में). Balwant Printers Pvt. Ltd. 2003. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 978-81-902000-0-4.
- ↑ अ आ "BACKGROUND OF ESTABLISHMENT OF MARATHA ARMADA & KANHOJI ANGRE AND ANGRIYA BANK (ANALYSIS)" (PDF).
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में 49 स्थान पर line feed character (मदद)[मृत कड़ियाँ] - ↑ अ आ Institute, Deccan College Post-graduate and Research (1978). Bulletin of the Deccan College Research Institute (अंग्रेज़ी में). Dr. A. M. Ghatage, director, Deccan College Postgraduate and Research Institute.
- ↑ अ आ Thakur, Pradeep. Shivaji Ke Management Sootra. Prabhat Prakashan. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 978-93-87980-04-4.