लेप्टॉन संख्या
कण भौतिकी में लेप्टॉन संख्या लेप्टॉन में से प्रतिलेप्टॉनों की संख्या को घटाने अर प्ताप्त संख्या है।
कण भौतिकी में फ्लेवर |
फ्लेवर क्वान्टम संख्या:
सम्बंधित क्वांटम संख्या:
संयुक्त:
|
समीकरण रूप में,
इस प्रकार सभी लेप्टॉनों को +1 आवंटित किया जाता है, सभी प्रतिलेप्टॉनों को −1 और जो लेप्टॉन नहीं हैं उनकी लेप्टॉन संख्या 0 मानी जाती है। लेप्टॉन संख्या (कभी-कभी लेप्टॉन आवेश भी कहा जाता है) एक योगज क्वांटम संख्या है, अर्थात किसी भी अन्योन्य क्रिया में कुल लेप्टॉन संख्या संरक्षित रहती है।
लेप्टॉनीय संख्या की तुलना में, लेप्टॉनिक परिवार संख्या भी परिभाषित की जाती है:
- , इलेक्ट्रॉन और इलेक्ट्रॉन न्यूट्रिनो के लिए इलेक्ट्रॉनीय संख्या;
- , म्यूऑन और म्यूऑन न्यूट्रिनो के लिए म्यूऑनीय संख्या;
- , टाऊ और टाऊ न्यूट्रिनो के लिए टाऊनिक संख्या;
उपरोक्त लेप्टॉनीय प्रणाली के अनुसार ही सम्बद्ध कण परिवार को +1, प्रतिकण परिवार को −1 और दोनों से रहित (अर्थात लेप्टॉन रहित) को 0 आवंटित किया जाता है।
लेप्टॉन संख्या का संरक्षण नियम
संपादित करेंकण भौतिकी के मानक प्रतिमान सहित विभिन्न भौतिकी प्रतिमानों में लेप्टॉन संख्या संरक्षण का नियम लागू होता है, जिसमें लेप्टॉन संक्ख्या संरक्षित रहती है उसका एक उदाहरण बीटा क्षय है:
n | → | p | + | e⁻ | + | νe | |
: | 0 | = | 0 | + | 1 | − | 1 |
यहाँ अभिक्रिया से पूर्व लेप्टॉन संख्या 0 है (चूँकि न्यूट्रोन (n) एक बेरियॉन है अतः अभिक्रिया से पूर्व कोई लेप्टॉन नहीं है) एवं अभिक्रिया के पश्चात कुल लेप्टॉन संख्या 0 होनी चाहिए, प्रोटॉन की लेप्टॉन संख्या 0, इलेक्ट्रॉन की (एक लेप्टॉन) +1, एवं प्रतिन्यूट्रिनो के लिए (प्रतिलेप्टॉन) −1 है। अतः अभिक्रिया के बाद कुल लेप्टॉन संख्या शून्य है और यह राशी संरक्षित रहती है।
लेप्टॉन परिवार संख्या परिभाषित करने का आधार यह है कि सामान्यतः प्रत्येक लेप्टॉन परिवार की लेप्टॉन परिवार संख्या संरक्षित रहती है। उदाहरण के लिए म्यूऑन का क्षय सामान्यतः निम्न प्रकार होता है:
μ⁻ | → | e⁻ | + | νe | + | νμ | |
: | 1 | = | 1 | − | 1 | + | 1 |
: | 0 | = | 1 | − | 1 | + | 0 |
: | 1 | = | 0 | + | 0 | + | 1 |
अर्थात इलेक्ट्रोनिय तथा म्यूऑनीय संख्या संरक्षित रहती है। इसका मतलब यह हुआ कि लेप्टॉनीय परिवार संख्या प्रत्येक , और के लिए संरक्षित रहता है।
लेप्टॉन संरक्षण नियम का उल्लंघन
संपादित करेंमानक प्रतिमान में लेप्टॉनीय परिवार संख्या (LF संख्या) संरक्षित रहती है यदि न्यूट्रिनों द्रव्यमान रहित कण हैं। चूँकि न्यूट्रिनो दोलन का प्रेक्षण हो चुका है, अतः न्यूट्रिनों का द्रव्यमान बहुत कम बल्कि शून्यतर है तथा LF संख्या एक सन्निकटन मात्र है। इसका मतलब यह हुआ कि लेप्टॉन संख्या संरक्षण नियम का यहाँ पालन नहीं होता। इस प्रकार निम्न म्यूऑन क्षय भी देखा जा सकता है:
μ⁻ | → | e⁻ | + | νe | + | νμ | |
: | 1 | = | 1 | + | 1 | − | 1 |
: | 0 | ≠ | 1 | + | 1 | + | 0 |
: | 1 | ≠ | 0 | + | 0 | − | 1 |
सन्दर्भ
संपादित करें- Griffiths, David J. (1987). Introduction to Elementary Particles. Wiley, John & Sons, Inc. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 0-471-60386-4.
- Tipler, Paul; Llewellyn, Ralph (2002). Modern Physics (4th ed.). W. H. Freeman. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 0-7167-4345-0.सीएस1 रखरखाव: एक से अधिक नाम: authors list (link)