वरदा चक्रवात

भारत की ओर रेंगने से पहले चक्रवात वारदाह, करीब एक दर्जन से ज्यादा लोगों की मौत का कारण हैं।

वरदा चक्रवात बंगाल की खाड़ी में उठा एक चक्रवाती तूफान है। 12 दिसम्बर 2016 को यह तूफान आंध्र प्रदेश और तमिलनाडु के तट से टकरा गया। पाकिस्तान द्वारा इसे 'वरदा' नाम दिया गया, इसका मतलब लाल गुलाब है। [1]

वरदा/वरदाह
बहुत गंभीर चक्रवाती तूफान (आईएमडी पैमाना)
श्रेणी 1 उष्णकटिबंधीय चक्रवात (SSHWS)
वरदा अपनी चरम पर (11 दिसम्बर)
गठनदिसम्बर 6, 2016 (2016-12-06)
व्यस्तवर्तमान में सक्रिय
उच्चतम हवाएं3-मिनट निरंतर : 130 किमी/घंटा (80 मील प्रति घंटा)
1-मिनट निरंतर : 140 किमी/घंटा (85 मील प्रति घंटा)
सबसे कम दबाव982 hPa (mbar); 29 inHg
प्रभावित क्षेत्रथाईलैंड, सुमात्रा, भारत (अण्डमान व निकोबार द्वीप, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु)
2016 उत्तर हिंद महासागर चक्रवात मौसम का हिस्सा

चेन्नई में 90 से लेकर 110 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से तेज हवाएं चल रही हैं। कई इलाकों में बिजली काट दी गई है। हवाई उड़ानें 5 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई हैं।[2]

बचाव कार्य

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चक्रवात से निपटने के लिए एनडीआरएफ की 7 टीमें तमिलनाडु में और 5 आंध्र प्रदेश में तैनात की गयी हैं। इसके साथ ही भारतीय नौसेना को भी आपात स्थिति से निपटने के लिए तैयार रखने को कहा गया है। अशांत समुद्र के चलते मछुआरों को अगले 48 घंटों तक समंदर में नहीं उतरने को कहा गया है। तमिलनाडु के मुख्यमंत्री ओ पन्नीरसेलवम ने तमिलनाडु राज्य आपदा प्रबंध प्राधिकारण की एक बैठक की जिसमें सशस्त्र बलों से भी तैयार रहने को कहा गया।[3]

इन्हें भी देखें

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