वाइटेसिए
वाइटेसिए (Vitaceae) सपुष्पक द्विबीजपत्री वनस्पतियों का एक जीववैज्ञानिक कुल है, जिसमें १४ वंश और अनुमानित ९१० जातियाँ आती हैं, जिनमें अंगूरबेल शामिल है। कुल का नाम वाइटिस वंश से उत्पन्न हुआ है। सन् २००९ से वाइटेसिए कुल को अकेले अपने अलग वाइटालेस (Vitales) जीववैज्ञानिक गण में श्रेणीकृत करा गया है।[1]
वाइटेसिए Vitaceae | |
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वाइटिस विनिफ़ेरा, हाला (वाइन) के अंगूर | |
वैज्ञानिक वर्गीकरण | |
जगत: | पादप |
अश्रेणीत: | पुष्पी पादप (Angiosperms) |
अश्रेणीत: | रोज़िड (Rosids) |
गण: | वाइटालेस (Vitales) झ़ुसिउ |
कुल: | वाइटेसिए (Vitaceae) झ़ुसिउ |
वंश | |
प्राचीनतम जीवाश्म इतिहास
संपादित करेंवाइटेसिए से मिलती-जुलती आकृति रखने वाले इण्डोवाइटिस चितालेयाए (Indovitis chitaleyae) नामक जाति के बीच मध्य भारत में दक्कन पठार क्षेत्र में मिले हैं। यह ६.६ करोड़ वर्ष पुराने जीवाश्म (फ़ॉसिल) क्रिटेशस कल्प के अन्त में पाए गए हैं और अंगूर कुल के सबसे पुराने ज्ञात जिवाश्म हैं। आधुनिक वाइटिस वंश की जातियों की भांति इनमें भी हर फल में ४ से ६ बीज हैं।[2]
इन्हें भी देखें
संपादित करेंसन्दर्भ
संपादित करें- ↑ Angiosperm Phylogeny Group (2016). "An update of the Angiosperm Phylogeny Group classification for the orders and families of flowering plants: APG IV". Botanical Journal of the Linnean Society. 181 (1): 1–20. doi:10.1111/boj.12385.
- ↑ Oldest Fruits of the Grape Family (Vitaceae) from the Late Cretaceous Deccan Cherts of India, Steven R. Manchester, Dashrath K. Kapgate and Jun Ven. American Journal of Botany 100(9): 1849-1859. 2013.