निर्देशांक: 25°16′55″N 82°57′23″E / 25.282°N 82.9563°E / 25.282; 82.9563 वाराणसी (अंग्रेज़ी: Vārāṇasī, हिन्दुस्तानी उच्चारण: [ʋaːˈɾaːɳəsiː]  ( सुनें)), जिसे बनारस, उर्दू: بنارس, Banāras [bəˈnɑːɾəs]  ( सुनें)) और काशी, उर्दू: کاشی, Kāśī [ˈkaːʃiː]  ( सुनें)) भी कहते हैं, गंगा नदी के तट पर भारत के उत्तर प्रदेश राज्य में बसा शहर है। प्राचीन मान्यताओं के अनुसार इसका नाम वाराणसीं वरुणा ओर असि नदियों के नाम के मिलाने से बना है !जो प्राचीन समय में यहा बहती थी !इसे हिन्दू धर्म में सर्वाधिक पवित्र शहर माना जाता है और इसे अविमुक्त क्षेत्र कहा जाता है।[3][4] इसके अलावा बौद्ध एवं जैन धर्म में भी इसे पवित्र माना जाता है। ये संसार के प्राचीनतम बसे शहरों में से एक और भारत का प्राचीनतम बसा शहर है।[5][6]

वाराणसी
Varanasi
बनारस
गंगा किनारे अहिल्या घाट
गंगा किनारे अहिल्या घाट
गंगा किनारे अहिल्या घाट
समय मंडल: आईएसटी (यूटीसी+५:३०)
देश  भारत
राज्य उत्तर प्रदेश
ज़िला वाराणसी
महापौर कौशलेन्द्र सिंह
जनसंख्या
घनत्व
3147927 (जिला)[1] (2001 के अनुसार )
• 1,995/किमी2 (5,167/मील2)[2]
क्षेत्रफल
ऊँचाई (AMSL)
1,550 कि.मी² (598 वर्ग मील)
• 80.71 मीटर (265 फी॰)

काशी नरेश (काशी के महाराजा) वाराणसी शहर के मुख्य सांस्कृतिक संरक्षक एवं सभी धार्मिक क्रिया-कलापों के अभिन्न अंग हैं।[7] वाराणसी की संस्कृति का गंगा नदी एवं इसके धार्मिक महत्त्व से अटूट रिश्ता है। ये शहर सहस्रों वर्षों से भारत का, विशेषकर उत्तर भारत का सांस्कृतिक एवं धार्मिक केन्द्र रहा है। हिन्दुस्तानी शास्त्रीय संगीत का बनारस घराना वाराणसी में ही जन्मा एवं विकसित हुआ है। भारत के कई दार्शनिक, कवि, लेखक, संगीतज्ञ वाराणसी में रहे हैं, जिनमें कबीर, रविदास, स्वामी रामानंद, त्रैलंग स्वामी, मुंशी प्रेमचंद, जयशंकर प्रसाद, आचार्य रामचंद्र शुक्ल, पंडित रवि शंकर, गिरिजा देवी, पंडित हरि प्रसाद चौरसिया एवं उस्ताद बिस्मिल्लाह खां कुछ हैं। गोस्वामी तुलसीदास ने हिन्दू धर्म का परम-पूज्य ग्रन्थ रामचरितमानस यहीं लिखा था और गौतम बुद्ध ने अपना प्रथम प्रवचन यहीं निकट ही सारनाथ में दिया था।[8]

वाराणसी में चार बड़े विश्वविद्यालय स्थित हैं: बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय, महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ, सेंट्रल इंस्टीट्यूट ऑफ हाइयर टिबेटियन स्टडीज़ और संपूर्णानन्द संस्कृत विश्वविद्यालय। यहां के निवासी मुख्यतः काशिका भोजपुरी बोलते हैं, जो हिन्दी की ही एक बोली है। वाराणसी को प्रायः मंदिरों का शहर, भारत की धार्मिक राजधानी, भगवान शिव की नगरी, दीपों का शहर, ज्ञान नगरी आदि विशेषणों से संबोधित किया जाता है।[9]

प्रसिद्ध अमरीकी लेखक मार्क ट्वेन लिखते हैं: "बनारस इतिहास से भी पुरातन है, परंपराओं से पुराना है, दंतकथाओं (लीजेन्ड्स) से भीप्राचीन है और जब इन सबकों एकत्र कर दें, तो उस संग्रह से दोगुना प्राचीन है।"[10]

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सन्दर्भ

  1. "रैंकिंग ऑफ डिस्ट्रिक्ट्स बाए पॉपुलेशन इन १९९१ एण्ड २००१". उत्तर प्रदेश सरकार. मूल से 1 दिसंबर 2010 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि २ अप्रैल २००७.
  2. "जिलों का जनसंख्या घनत्व अनुसार क्र्मवार". उत्तर प्रदेश सरकार. मूल से 1 दिसंबर 2010 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि २ अप्रैल २००७.
  3. :अविमुक्तं समासाद्य तीर्थसेवी कुरुद्वह। :दर्शनादेवदेस्य मुच्यते ब्रह्महत्यया॥ (महाभारत, वन पर्व., ८४/१८)
    ततो वाराणसीं गत्वा देवमच्र्य वृषध्वजम्। कपिलाऊदमुपस्पृश्य राजसूयफलं लभेत् ॥(महाभारत, वन पर्व., ८२/७७)। सन्दर्भ:काशी तथा वाराणसी का तीर्थ स्वरुप Archived 2010-05-15 at the वेबैक मशीन। वाराणसी वैभव
  4. काशी- मुक्ति की जन्मभूमि[मृत कड़ियाँ]। माई वेब दुनिया। २९ अक्टूबर २००९। अभिगमन तिथि:२५ अप्रैल २०१०
  5. लैनोय, रिचर्ड (अक्तूबर, १९९९). बनारस-सीन फ़्रॉम विदिन. वॉशींग्टन प्रेस विश्वविद्यालय. ब्लैक फ्लैप. OCLC 42919796. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 029597835X. |date= में तिथि प्राचल का मान जाँचें (मदद)
  6. "वाराणसी". ब्रिटैनिका विश्वकोष. मूल से 10 अगस्त 2011 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि ३ जून २००८.
  7. मित्रा, स्वाति (२००२). गुड अर्थ वाराणसी सिटी गाइड. आयशर गुडार्थ लि. पृ॰ २१६. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 9788187780045.
  8. "वाराणसी के जिले - सारनाथ". राष्ट्रीय सूचना केन्द्र - वाराणसी. मूल से 8 मई 2012 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि ५ जनवरी २००९.
  9. "वाराणसी: द इटर्नल सिटी". बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय. मूल से 20 जून 2012 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि २ अप्रैल २००७.
  10. ट्वेन, मार्क (१८९८) [१८९७]. "L". फ़ॉलोइंग द इक्वेटर: ए जर्नी अराउण्ड द वर्ल्ड. हार्टफ़ोर्ड, कनेक्टिकट, अमेरिकन पब्लिशिंग कं.. OCLC 577051. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 0404015778. मूल से 28 फ़रवरी 2008 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि २ जुलाई २००७.

बाहरी कड़ियाँ