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श्री मान न्याय दिलाने हेतु अंग्रेजी संस्था से कृष्णमूर्ति कृष्णमूर्ति फाउंडेशन इंडिया राजघाट वाराणसी उत्तर प्रदेश इंडिया संपादित करें

महोदय श्रीमान मेरा गांव अब महानगर पालिका में इस वर्ष हुआ है अभी पहला चुनाव होने वाला है सभासद का इसके पूर्व में गांव सभा था मेरा गांव पहले महानगर पालिका राजघाट क्षेत्र सरैता बाद परगना देहात अमानत राजघाट वाराणसी उत्तर प्रदेश इंडिया में था अंग्रेजों ने एक संस्था बनाई थी जो कि मद्रास में इसका रजिस्ट्रेशन हुआ था उसका नाम ऋषि पहली ट्रस्ट रखा गया था उस वक्त की सरकार ने मेरे गांव सभा को जस्ट डिपोजिट पूरब साइड वरुणा संगम के उस पार भेज दिया वहां से मेरा गांव इस पार आया तो उस गांव सभा की जमीन हम लोग को उस समय कि सरकार ने कुछ127.11 एकड़ जमीन लीज पर भी ली थी जो कुछ सालो बाद उत्तर प्रदेश सरकार ने जमीदारी खत्म कर दी थी परंतु यह संस्था जो ऋषि वैली ट्रस्ट जमीन के लालच में सारी जमीनें हड़पना शुरू कर दिया और जो गांव सभा को उसमें कागजात थे गांव के लोगों को पहला फुसलाकर सारे कागज उस समय रख लिया और कहने लगा कि आपके बच्चे इसमें फ्री में पढ़ेंगे लिखेंगे और आगे बढ़ेगा इस गांव के लोगों ने शिक्षा के नाम पर सारे कागजात दे दीजिए की मेरे बेटे बेटियां पढ़कर आगे बढ़ेंगे परंतु उनका उद्देश्य कुछ और था और यह संस्था तमाम नामों से प्रसिद्ध हुआ पहला नाम ऋषि वैली ट्रस्ट मद्रास दूसरा नाम न्यू फॉर एजुकेशन के नाम से तीसरा नाम कृष्णमूर्ति फाऊंडेशन इंडिया और इस समय 30 35 सालों से मुकदमा लड़ रहा है ग्राम सभा प्रधान तहसील न्यायालय में इस संस्था में बड़े-बड़े सोसाइटी के बच्चे व अधिकारी के बच्चे पढ़ते हैं पड़ते है और इस संस्था की पहुंच राष्ट्रपति से लेकर बड़े बड़े नेताओं तक पहुंच है जो चाए ओ मनमानी करने लगता है गांव के लोगो को गुलाम बना रखा है जो लोग इसके खिलाफ आवाज बुलंद करते उसको कोई न कोई केस में फसा देते हैं फर्जी तरीके से प्रशासन उसी की सुनती भि है गांव की एक भी बात नहीं सुनी जाती बीते कुछ महीनों पहले 11.00 बजे रात्रि कमिसनर जी के कहने पर रात्रि गांव के लोगो ने रोड के किनारे गुमटी रखी हुई थी उसको जसेबी चलवा के तोडवा दिए और कुछ अलग अलग चौकी पर उठवा के रखवा दिए उस रात एसडीएम भी मौजूद रहे और 9 10 लेखपालों की टीम लेकर भारी संख्या में पुलिस भी मौजूद थीं और सभी महिलाओं की गुमटी थी जो दो वक्त की रोटी रोजी कमाते थी जितनी भी महिलाएं थीं उनके ऊपर उल्टा मुकदमा पंजीकृत कर दिया गया थाना सारनाथ वाराणसी उत्तर प्रदेश भारत और वो संस्था गांव सभा की जमीन बेचने लगा मुकदमा चल रहा और बिजली विभाग भी हाई हाईटेंशन तार के खंभे गढ़वा रहा है मुकदमे के दौरान उसको रोकने के लिए हम लोगों ने बहुत कोशिश की पर अधिकारी तो गुलाम है उस संस्था के जो बोलेंगे वही वह करेंगे और कुछ मुख्य बाते हैमेरे गांव में एक ही घर में 10 परिवार रहते हैं पर्दे डालकर जाड़े के समय तो लोग सो लेते हैं गर्मी में लोग सो नहीं पाते हैं नदी के किनारे सैकड़ों की संख्या में लोग घर से निकल कर के सोते हैं जाकर गंगा नदी के किनारे जमीन न रहने के कारण आपस में हर घर के मतभेद होते जा रहा है आपस में लोग बहुत ज्यादा लड़ रहे हैं और सरकार इसके ध्यान नहीं दे रही है सबसे बड़ी खास बात यह है उत्तर प्रदेश का पहला गांव मेरा है जिसका नाम ग्राम सराय महाना थाना सारनाथ वाराणसी उत्तर प्रदेश इंडिया है जोकि एक भी व्यक्ति के पास 1 इंच जमीन का कागज तक नहीं है सारी जमीन जमीनों पर कृष्णमूर्ति फाऊंडेशन इंडिया राजघाट ने कब्जा कर रखा है चाहे वो बंजर आबादी परती की सब पर कब्जा किया हुआ हैमेरे गांव सभा के लिए हॉस्पिटल भी खोला गया था और एक स्कूल भी खोला गया था और एक डेयरी भी जिसका पूरा लाभ किस्मती फाउंडेशन अपने कर्मचारियों अपने स्कूल के लोगों को दे रहा है गांव के लोगों को एक भी नहीं मिल रहा है अब अस्पताल बंद भी कर दिया है सबसे ज्यादा बीमारी टीवी की मेरे गांव में ही था इसलिए था कि बगल में वरुणा संगम नदी था जो टोटल नाले का पानी आता है उसमे और पूरा बनारस का नाला उसी में मिला है और वही गंगा नदी में जाकर मिल गया है उसी में मेरे गांव के लोग नहाते हैं डेली डेली मै पूरा पता बता देंना चाहता हूं मेरा गांव सराय मुहाना थाना सारनाथ वाराणसी उत्तर प्रदेश इंडिया है अनिल साहनी (वार्ता) 18:06, 30 जून 2022 (UTC)उत्तर दें

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